मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना बांद्रा (पूर्व) में उनके पुत्र जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर घटी, जहां तीन अज्ञात शूटरों ने मोटरसाइकिल से आकर उन पर छह गोलियां दागीं। हमले के बाद उन्हें तत्काल लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हमले से महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक सफर और हालिया पार्टी बदलाव
बाबा सिद्दीकी, जिन्होंने तीन बार बांद्रा (पूर्व) से विधायक के रूप में सेवाएं दीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुके थे। उन्होंने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में काम किया, लेकिन इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) का दामन थामा था। उनके पुत्र जीशान सिद्दीकी वर्तमान में बांद्रा (पूर्व) से विधायक हैं और उनके भी जल्द ही राकांपा (अजीत) में शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।
हत्या के संदिग्ध और पुलिस की कार्रवाई
मुंबई पुलिस ने इस हत्या के सिलसिले में दो संदिग्ध शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है, जो उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं। तीसरे आरोपी की तलाश जारी है, और पुलिस को लारेंस विश्नोई गैंग पर शक है, जो हाल के समय में कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं और हमलों में शामिल रहा है। मुंबई के कूपर अस्पताल में बाबा सिद्दीकी का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, और पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर प्रतिक्रिया दी है। वह स्वयं लीलावती अस्पताल पहुंचे और जीशान सिद्दीकी से मुलाकात की। फडणवीस ने कहा, “यह एक गंभीर घटना है, और हम दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि तीसरे फरार आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए और जांच में किसी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए।
विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता भाई जगताप ने इस घटना के लिए गृह मंत्रालय के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता क्लाइड क्रैस्टो ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि “यह घटना दिखाती है कि महाराष्ट्र में कानून का डर समाप्त हो चुका है।” उन्होंने महायुति सरकार को निशाने पर लिया और पूछा कि वे कानून व्यवस्था को नियंत्रण में लाने में क्यों असफल हो रहे हैं।
भाजपा की प्रतिक्रिया और जांच की मांग
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस हत्या को “गंभीर और चिंता का विषय” बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन होना चाहिए, क्योंकि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। सोमैया ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस घटना से मुंबई में अपराध की स्थिति का पता चलता है।