झुंझुनू, 25 मई 2024: जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का उल्लंघन करने पर छह चिकित्सा संस्थानों पर 3 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, एक लैब का आवेदन भी निरस्त कर दिया गया है।
जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक:
22 मई को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में झुंझुनूं जिला मुख्यालय स्थित आरएनजेपी डायग्नोस्टिक सेंटर, रविंद्र अस्पताल में संचालित लैब, चिड़ावा के सरकारी अस्पताल के सामने स्थित भारत लैब और सीसीएल लैब का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि ये सभी संस्थान बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे थे और एक्ट की पालना नहीं कर रहे थे।
जुर्माना:
इन उल्लंघनों के लिए, जिला कलेक्टर ने इन चारों संस्थानों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पहली बार निरीक्षण में एक्ट के मानकों के अनुरूप सेवाएं व संसाधन नहीं मिलने पर लगाया गया है।
दूसरी बार उल्लंघन पर जुर्माना:
यदि ये संस्थान दोबारा एक्ट का उल्लंघन करते हैं, तो उन पर दो लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके बाद भी यदि वे पालना नहीं करते हैं, तो 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सीएमएचओ को निर्देश:
जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ को इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीएमएचओ को निरंतर लैब के निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए हैं।
माइक्रो केयर लैब का आवेदन निरस्त:
जिला कलेक्टर ने माइक्रो केयर लैब का आवेदन भी निरस्त कर दिया है। लैब संचालक द्वारा आवेदन के बाद स्मरण पत्र भेजे जाने के बाद भी निर्धारित दस्तावेजों की पूर्ति नहीं की गई थी।
अन्य संस्थानों पर जुर्माना:
चिड़ावा स्थित पायल अस्पताल एवं डायग्नोस्टिक सेंटर और झुंझुनू जिला मुख्यालय स्थित बालाजी ऑर्थोपेडिक्स एवं जनरल अस्पताल पर भी बिना रजिस्ट्रेशन के लैब संचालित करने और एक्ट के न्यूनतम मानकों के अनुरूप सेवाएं नहीं देने के चलते दोनों पर 60-60 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है।
सीएमएचओ का बयान:
सीएमएचओ डॉक्टर राजकुमार डांगी ने बताया कि इस प्रकार के निरीक्षण जिले भर में नियमित तौर पर किए जाएंगे। एक्ट की पालना नहीं करने वाले लैब एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिकों के विरुद्ध एक्ट के प्रावधानों अनुसार पेनाल्टी लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।