कनाडा, उत्तरी अमेरिका: रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस के अवसर पर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उपस्थिति में खालिस्तान समर्थकों ने नारे लगाए। इस समारोह में देश के विपक्षी नेताओं के साथ ही अन्य विभागीय नेता भी उपस्थित थे। ट्रूडो ने सिख समुदाय को संबोधित करते हुए उनके मौलिक अधिकारों व स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
इसके विपरीत, भारत ने इस समारोह में खालिस्तान समर्थक नारों के चलते गहरी चिंता जताई। विदेश मंत्रालय ने भारत में कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया है। मंत्रालय ने कहा, “कार्यक्रम में इस तरह की परेशान करने वाली घटना को अनियंत्रित रूप से जारी रखने की अनुमति दिए जाने पर भारत सरकार ने गहरी चिंता और कड़ी आपत्ति व्यक्त की है।” बयान में कहा गया, “यह एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दी गई राजनीतिक जगह को दर्शाता है।”
कनाडा और भारत के रिश्तों में खटास आई थी निज्जर मामले के बाद, जिसमें खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप था। जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर इस घटना को लेकर विवाद खड़ा किया था, जिसे भारत ने बेबुनियाद बताकर खारिज किया था।
ट्रूडो ने दावा किया कि सरकार सामुदायिक केंद्रों, गुरुद्वारा समेत पूजास्थलों की सुरक्षा को मजबूत करेगी, साथ ही दोनों देशों के बीच नए समझौतों पर काम कर रही है, जिसमें अमृतसर के लिए और उड़ान बढ़ाना शामिल है।