नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 8वीं से 10वीं कक्षा के छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने के लिए “साइंस चैलेंज” नामक एक नई पहल शुरू की है। सीबीएसई प्लेटफॉर्म पर होस्ट की गई यह पहल मई तक उपलब्ध रहेगी, जिसका मुख्य विषय विज्ञान, पर्यावरण और स्थिरता है।
कार्यक्रम का प्रारूप
- दो चरण:
- इंट्रा-स्कूल प्रतियोगिता: प्रत्येक सीबीएसई-संबद्ध स्कूल अपने छात्रों के लिए एक इंट्रा-स्कूल प्रतियोगिता आयोजित करेगा।
- इंटर-स्कूल चैलेंज: इंट्रा-स्कूल प्रतियोगिता में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छह छात्रों को स्कूल स्तर पर नामांकित किया जाएगा, जो इंटर-स्कूल चैलेंज में भाग लेंगे।
- प्रश्न प्रारूप:
- MCQ प्रश्न, जिसमें गति और सटीकता दोनों पर ध्यान दिया जाएगा।
- पुरस्कार:
- ऑनलाइन भागीदारी प्रमाण पत्र सभी प्रतिभागियों को प्रदान किए जाएंगे।
- शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रशंसा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
पात्रता
- कक्षा 8 से 10 तक के छात्र जो सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में अध्ययनरत हैं।
आवेदन कैसे करें:-
- स्कूल पंजीकरण:
- सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों को अपने छात्रों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पंजीकृत करना होगा।
- पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं है।
- छात्र पंजीकरण:
- स्कूल पहले दौर में चुने गए शीर्ष छह छात्रों को दूसरे दौर के लिए नामांकित करेंगे।
आगे की पूछताछ या स्पष्टीकरण के लिए, इच्छुक लोग संपर्क करें:-
- ईमेल: CBSEScienceChallenge@cbseshiksha.in
- फोन: 011-23238361
सीबीएसई का उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक रुचि को बढ़ावा देना और उन्हें महत्वपूर्ण सोच और समस्या समाधान कौशल विकसित करने में मदद करना है। सीबीएसई का मानना है कि यह पहल छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।
यह कार्यक्रम छात्रों के लिए निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:
- वैज्ञानिक अवधारणाओं की गहन समझ विकसित करना
- महत्वपूर्ण सोच और समस्या समाधान कौशल में सुधार करना
- टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा देना
- प्रतिस्पर्धात्मक भावना को प्रोत्साहित करना
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि जगाना
सीबीएसई सभी स्कूलों को अपने छात्रों को “साइंस चैलेंज” कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह एक उत्कृष्ट अवसर है कि छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी क्षमता का पता लगाएं।