नई दिल्ली, 20 मई 2024: सरकार ने साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे लगभग 18 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर दें। माना जाता है कि इन नंबरों का इस्तेमाल साइबर अपराधों के लिए किया जा रहा था।
यह सरकार का अब तक का सबसे बड़ा कदम है जिसका मकसद ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करना है। पिछले महीने, DoT ने 28 हजार से अधिक मोबाइल हैंडसेट को डिस्कनेक्ट करने का आदेश दिया था, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधों के लिए किया जा रहा था।
क्यों उठाया गया यह कदम?
DoT के अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए विभिन्न टेलीकॉम सर्किलों के सिम का इस्तेमाल कर रहे थे। वे बार-बार मोबाइल नंबर और हैंडसेट बदल रहे थे ताकि जांच एजेंसियों से बच सकें।
उदाहरण के लिए, झारखंड और पश्चिम बंगाल के सिम कार्ड का इस्तेमाल दिल्ली-एनसीआर में किया जा रहा था। जांच एजेंसियों के रडार पर आने से बचने के लिए, वे केवल एक आउटगोइंग कॉल करके सिम कार्ड और हैंडसेट बदल देते थे।
क्या है सरकार का अगला कदम?
सरकार का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों को सिम कार्ड के उपयोग के पैटर्न पर कड़ी नजर रखनी होगी, खासकर उन सिम कार्ड पर जो अपने होम सर्कल के बाहर उपयोग किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, सरकार ने नागरिकों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में अधिकारियों को सूचित करने की सलाह दी है।
यह कदम कितना कारगर होगा?
यह देखना बाकी है कि सरकार का यह कदम साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने में कितना कारगर होगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक सकारात्मक कदम है, लेकिन साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए और अधिक कड़े उपायों की आवश्यकता होगी।