नई दिल्ली: वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां देशों के बीच क्षेत्रीय तनाव, सैन्य प्रतिस्पर्धा और तकनीकी आधुनिकता की दौड़ ने हथियारों की खरीद-फरोख्त को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में वैश्विक सैन्य खर्च 2,718 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.4% अधिक है। यह आंकड़ा शीत युद्ध की समाप्ति के बाद किसी एक वर्ष में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि को दर्शाता है।

इन देशों का है वैश्विक सैन्य खर्च में 60% हिस्सा
दुनिया के कुल सैन्य खर्च का 60 प्रतिशत हिस्सा केवल पांच देशों — अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत — द्वारा किया गया है। यह दर्शाता है कि वैश्विक शक्ति संतुलन और सैन्य प्रभुत्व की होड़ कितनी तेज हो चुकी है।
सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देश: यूक्रेन और भारत सबसे आगे
SIPRI की रिपोर्ट में हथियारों के आयात के मामले में टॉप 5 देशों की सूची में यूक्रेन शीर्ष स्थान पर है। 2015-2019 की तुलना में यूक्रेन ने हथियारों की खरीद में 100% से अधिक की वृद्धि की है।
रैंक | देश | वैश्विक हथियार आयात का हिस्सा (2020-24) | शीर्ष 3 आपूर्तिकर्ता देश |
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1 | यूक्रेन | 8.8% | अमेरिका, जर्मनी, पोलैंड |
2 | भारत | 8.3% | रूस, फ्रांस, इज़राइल |
3 | कतर | 6.8% | अमेरिका, इटली, ब्रिटेन |
4 | सऊदी अरब | 6.8% | अमेरिका, स्पेन, फ्रांस |
5 | पाकिस्तान | 4.6% | चीन, नीदरलैंड, तुर्की |
अमेरिका बना सबसे बड़ा हथियार निर्यातक
यूक्रेन-रूस युद्ध और पश्चिमी देशों की रणनीतियों के बीच अमेरिका को हथियार निर्यात के क्षेत्र में सबसे बड़ा लाभ मिला है।
रैंक | देश | वैश्विक हथियार निर्यात (2020-24) |
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1 | अमेरिका | 43% |
2 | फ्रांस | 9.6% |
3 | रूस | 7.8% |
4 | चीन | 5.9% |
5 | जर्मनी | 5.6% |
6 | इटली | 4.8% |
7 | यूनाइटेड किंगडम | 3.6% |
8 | इज़राइल | 3.1% |
9 | स्पेन | 3.0% |
10 | दक्षिण कोरिया | 2.2% |
रक्षा बजट में बढ़ोतरी के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार हथियारों की मांग बढ़ने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
- यूक्रेन-रूस युद्ध और इसके परिणामस्वरूप पूर्वी यूरोप में अस्थिरता
- चीन की विस्तारवादी नीतियां और दक्षिण चीन सागर में तनाव
- मध्य पूर्व में ईरान-सऊदी, इजराइल-गाजा जैसे संघर्ष
- भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच सीमाई तनाव
- आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां

भारत की स्थिति और चुनौतियां
भारत हथियार खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर है। भारत की सुरक्षा जरूरतों में शामिल हैं:
- दक्षिण एशिया में रणनीतिक दबदबा बनाए रखना
- चीन और पाकिस्तान से दो मोर्चों पर खतरा
- आधुनिक तकनीक आधारित हथियारों और मिसाइल डिफेंस सिस्टम की जरूरत
रूस, फ्रांस और इजरायल भारत के मुख्य आपूर्तिकर्ता बने हुए हैं।