नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में मशहूर पॉडकास्टर और शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक विशेष बातचीत में शामिल हुए। इस तीन घंटे की चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन, विचारधारा और वैश्विक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण को साझा किया। बातचीत में भारत की संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और तकनीकी विकास जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बचपन, हिमालय यात्रा और संन्यास के विचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन की यादें साझा करते हुए बताया कि उनका बचपन संघर्षों से भरा था। उन्होंने हिमालय में बिताए अपने समय का भी उल्लेख किया और कहा कि युवा अवस्था में उन्होंने संन्यास लेने का विचार किया था। मोदी ने कहा, “मैं जीवन के अर्थ को समझने के लिए हिमालय गया था। वहां की शांति और आध्यात्मिकता ने मुझे गहराई से प्रभावित किया।”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और हिंदू राष्ट्रवाद पर विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से अपने जुड़ाव के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे RSS से जीवन के मूल्य सीखने का अवसर मिला। इस संगठन ने मुझे उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी।”
मोदी ने कहा कि बचपन से ही वह RSS की सभाओं में जाते थे, जहां उन्हें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, “RSS को समझना आसान नहीं है। यह संगठन अपने स्वयंसेवकों को राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और समाजसेवा की भावना सिखाता है।”
प्रधानमंत्री ने RSS द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए गए योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “RSS के सदस्यों ने ‘विद्या भारती’ नामक संगठन की शुरुआत की, जिसके माध्यम से देशभर में 25,000 से अधिक स्कूल संचालित किए जाते हैं और लाखों छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं।”
गांधी, भारत-पाकिस्तान संबंध और वैश्विक कूटनीति पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी की विचारधारा पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलते हुए देश को एक नई दिशा दी।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करते हुए मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी प्रकार के आतंकवाद को सहन नहीं करेगा।
Here's my conversation with @narendramodi, Prime Minister of India.
— Lex Fridman (@lexfridman) March 16, 2025
It was one of the most moving & powerful conversations and experiences of my life.
This episode is fully dubbed into multiple languages including English and Hindi. It's also available in the original (mix of… pic.twitter.com/85yUykwae4
यूक्रेन संकट पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा शांति प्रयासों का समर्थन करता है और वह सभी संबंधित पक्षों को बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने के लिए प्रेरित करता रहा है।
चीन और शी जिनपिंग के साथ संबंधों पर भी मोदी ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा कूटनीतिक संवाद के माध्यम से अपने पड़ोसियों के साथ रिश्ते सुधारने की दिशा में काम करता है।
2002 के गुजरात दंगे और लोकतंत्र पर राय
पॉडकास्ट के दौरान 2002 के गुजरात दंगों पर भी चर्चा हुई। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा संविधान का पालन किया और कानून के अनुसार कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की ताकत यही है कि यह सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है और किसी के साथ भेदभाव नहीं करता।
तकनीकी विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और शिक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीकी विकास और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत डिजिटल युग में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि AI का उपयोग समाज की भलाई के लिए होना चाहिए और इससे युवाओं के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।
शिक्षा प्रणाली पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि भारत में नई शिक्षा नीति (NEP) के माध्यम से शिक्षा को अधिक व्यावहारिक और शोध-आधारित बनाया गया है।
ध्यान और आध्यात्मिकता पर प्रधानमंत्री की सोच
प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान और योग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि योग और ध्यान से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक विकास होता है। मोदी ने कहा, “मैं नियमित रूप से ध्यान करता हूं, यह मेरे लिए आत्मचिंतन और ऊर्जा का स्रोत है।”

माता-पिता से मिली अनुशासन की सीख
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने माता-पिता की मेहनत और अनुशासन की चर्चा करते हुए कहा कि उनके पिता बहुत अनुशासित व्यक्ति थे। उन्होंने कहा, “मेरे पिता हर सुबह 4:00 या 4:30 बजे उठकर मंदिर जाते थे और फिर अपनी दुकान पर काम करते थे। उनकी जीवनशैली ने मुझे अनुशासन और मेहनत की सीख दी।”
मोदी ने अपने पिता से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी साझा किया। उन्होंने बताया कि जब उनके पिता गांव से गुजरते थे, तो उनके जूतों की ‘टक, टक, टक’ आवाज से लोग समय का अंदाजा लगा लेते थे और कहते थे, “अरे हां, दामोदर आ रहे हैं!”
लेक्स फ्रिडमैन कौन हैं?
लेक्स फ्रिडमैन 2015 से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में शोध वैज्ञानिक हैं। वह ‘द लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट’ के होस्ट भी हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर 4.5 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं और उनके वीडियो अब तक 820 मिलियन से अधिक बार देखे जा चुके हैं।