लंदन: ललित मोदी की एक भव्य पार्टी का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। इस पार्टी में भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या और इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पूर्व क्रिकेटर क्रिस गेल भी शामिल हुए। पार्टी में ललित मोदी और विजय माल्या को अमेरिकी गायक फ्रैंक सिनात्रा का मशहूर गाना ‘आई डिड इट माय वे’ गाते हुए देखा गया, जिसका वीडियो ललित मोदी ने खुद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया।
इस समारोह में दुनिया भर से करीब 310 मेहमान शामिल हुए, जिनमें कई हस्तियां, दोस्त और पारिवारिक सदस्य मौजूद थे। क्रिस गेल ने इंस्टाग्राम स्टोरी में ललित मोदी और विजय माल्या के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “हम मस्ती में हैं। शानदार शाम के लिए धन्यवाद।”
वीडियो सामने आने के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गईं, क्योंकि दोनों ही व्यक्तियों पर भारत में गंभीर आर्थिक अपराधों के आरोप हैं। विजय माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की अदायगी न करने, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप हैं। वह 2017 में भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर लंदन में गिरफ्तार हुए थे और वर्तमान में जमानत पर हैं। दूसरी ओर, ललित मोदी पर आईपीएल संचालन के दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वत जैसे आरोप हैं। उन्हें 2010 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा निलंबित किए जाने के बाद से वह यूनाइटेड किंगडम में स्व-निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
पार्टी के दौरान ली गई तस्वीरों और वीडियो में दोनों पूरी तरह बेफिक्र और आत्मविश्वास से भरे नजर आए। वे मंच पर गाना गाते हुए नाचते दिखाई दिए। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रिया का कारण बना। कई यूजर्स ने इस पर सवाल उठाए कि गंभीर आरोपों का सामना कर रहे दो हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को लेकर कानून व्यवस्था कितनी प्रभावी है, जब वे विदेशी भूमि पर सार्वजनिक समारोहों में इस तरह भाग लेते हैं।
वीडियो के साथ ललित मोदी ने मजाकिया अंदाज में लिखा, “310 दोस्तों और परिवार के साथ एक शानदार रात… यह वीडियो इंटरनेट न तोड़ दे। निश्चित रूप से विवादास्पद है, लेकिन यही मैं सबसे अच्छा करता हूं।”
इस आयोजन ने जहां कुछ के लिए मनोरंजन का माहौल बनाया, वहीं कई लोगों ने इसे विडंबनापूर्ण करार देते हुए कहा कि यह दृश्य दर्शाता है कि भारत के आर्थिक अपराधों से जुड़े कुछ आरोपी किस प्रकार विदेशों में खुलकर जीवन जी रहे हैं, जबकि उनके खिलाफ भारतीय अदालतों में मामले लंबित हैं। यह मामला एक बार फिर देश के भगोड़े आर्थिक अपराधियों की स्थिति और उनके प्रत्यर्पण पर बहस को नया मोड़ दे गया है।