प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर संगम नगरी प्रयागराज में आस्था का अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला, जब गंगा स्नान के लिए पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालु एकत्र हुए। यह संख्या दुनिया के सबसे बड़े शहरों और कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक रही। इस ऐतिहासिक दिन ने न केवल भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि आस्था की शक्ति किसी भी सीमा से परे होती है।
एक दिन में टोक्यो से भी बड़ा बना प्रयागराज
मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज की भौगोलिक सीमा में इतनी बड़ी जनसंख्या एकत्र हुई कि इसने दुनिया के सबसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया। वर्तमान में टोक्यो की जनसंख्या लगभग 3.74 करोड़, दिल्ली की 2.93 करोड़ और शंघाई की 2.63 करोड़ है, लेकिन प्रयागराज में एक दिन में इससे भी अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बन गया।
कई देशों की कुल जनसंख्या से अधिक पहुंचे श्रद्धालु
प्रयागराज में गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से अधिक थी। उदाहरण के लिए:
- यूक्रेन की जनसंख्या – 3.7 करोड़
- स्पेन की जनसंख्या – 4.84 करोड़
- मलेशिया की जनसंख्या – 3.43 करोड़
- पोलैंड की जनसंख्या – 3.67 करोड़
इन देशों की कुल जनसंख्या को भी प्रयागराज में उमड़े श्रद्धालुओं की संख्या ने पीछे छोड़ दिया।
गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धा की लहर, बुधवार को आठ करोड़ तक पहुंच सकता है आंकड़ा
मंगलवार सुबह से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ घाटों पर उमड़ने लगी। दोपहर होते-होते यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा और देर रात तक यह पांच करोड़ के पार पहुंच गया। प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए, लेकिन श्रद्धालुओं की अपार आस्था के आगे सभी व्यवस्थाएं छोटी पड़ गईं।
प्रशासन के अनुसार, बुधवार को यह संख्या आठ करोड़ के आसपास पहुंचने की संभावना है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।
12 घंटे में 51 विमानों का संचालन, बमरौली एयरपोर्ट ने बनाया नया रिकॉर्ड
मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट ने भी नया इतिहास रच दिया। जहां मकर संक्रांति पर 38 विमानों के आवागमन का कीर्तिमान बना था, वहीं महज 12 घंटे में 51 विमानों का संचालन कर नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ।
2019 में सिविल एयरपोर्ट बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विमानों का संचालन हुआ है। अनुमान है कि इस संख्या में और वृद्धि होगी और मौनी अमावस्या पर 80 से अधिक विमानों के उड़ान भरने की संभावना है।
मौनी अमावस्या बना आस्था का सबसे बड़ा आयोजन
इस ऐतिहासिक आयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब करोड़ों लोग एक लक्ष्य के लिए एकत्र होते हैं, तो वह क्षण इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में दर्ज हो जाता है। गंगा स्नान के इस महापर्व ने भारतीय संस्कृति की महिमा को और अधिक गौरवान्वित किया और पूरे विश्व के सामने आस्था की अद्वितीय मिसाल पेश की।
प्रयागराज में अगला बड़ा स्नान पर्व
अब सभी की निगाहें माघ पूर्णिमा (24 फरवरी 2025) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025) के स्नान पर्व पर टिकी हैं। प्रशासन द्वारा इन आगामी स्नान पर्वों के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को सुचारू व्यवस्था और सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सके।
– प्रयागराज से विशेष रिपोर्ट