महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में गठबंधन को 236 सीटें मिलीं, जो राज्य के चुनावी इतिहास में किसी भी पार्टी या गठबंधन द्वारा प्राप्त सबसे अधिक सीटें हैं। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) केवल 49 सीटों तक सिमट गया।
महायुति की प्रचंड जीत
महायुति के इस प्रदर्शन ने 1972 में कांग्रेस द्वारा जीती गई 222 सीटों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और अन्य दलों ने इस बार महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत कर ली। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं, जो 2019 के मुकाबले एक सीट अधिक है। शिवसेना का स्ट्राइक रेट 67.90% रहा। इसी तरह, अजित पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीटें जीतीं।
नवनीत राणा ने पति की जीत पर मनाया जश्न
अमरावती जिले की बडनेरा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रवि राणा ने जीत दर्ज की। उनकी इस जीत ने परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ा दी। उनकी पत्नी और अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने इस अवसर पर अपने चिरपरिचित अंदाज में जश्न मनाया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नवनीत राणा ने महिलाओं के साथ डांस करते हुए “अरे भाई महाराष्ट्र में क्या खिला?” पूछते हुए देखा गया, जिसका जवाब देते हुए महिलाएं कहती हैं, “कमल खिला।”
The Comeback Is Greater Than The Setback
— 🅺🅳🆁 (@KDRtweets) November 23, 2024
Navneet Rana 🔥 pic.twitter.com/LFHByoxQ6r
चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली नवनीत राणा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस हार को भुलाकर उन्होंने पति की जीत पर विजय जुलूस निकाला और अपने समर्थकों के साथ जश्न मनाया।
अमरावतीची वाघिन🧡🚩🔥🔥#navneetrana #BJPMAHARASHTRA pic.twitter.com/MWdhW5SV7p
— ParshuRam Sardesai (@mogambo_45) November 23, 2024
एकनाथ शिंदे और अजित पवार का प्रदर्शन
शिवसेना (शिंदे गुट) ने इस बार बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि अजीत पवार की राकांपा ने भी विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई। खुद अजीत पवार ने बारामती सीट से अपने भतीजे युगेंद्र पवार को 1,16,182 मतों के अंतर से हराया।
महाविकास अघाड़ी का कमजोर प्रदर्शन
महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल हैं, इस चुनाव में प्रभावहीन साबित हुआ। गठबंधन की सीटें घटकर 49 रह गईं। यह प्रदर्शन आगामी लोकसभा चुनावों के लिए एमवीए के लिए चुनौती बन सकता है।