महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस यात्रा में अर्बन नक्सल संगठनों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि यह संगठन न केवल यात्रा का हिस्सा थे, बल्कि इनका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी फैलाना भी था।
अर्बन नक्सल संगठनों की भूमिका पर सवाल
फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा कि 15 नवंबर 2024 को काठमांडू में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ और भाजपा शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा रहे कई अर्बन नक्सल संगठनों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये संगठन देश में अशांति और अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं।
फडणवीस ने इस संबंध में यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े 180 संगठनों में से 40 संगठन ऐसे हैं जिन्हें राज्य की पूर्व कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने अर्बन नक्सल घोषित किया था। उन्होंने कहा, “ये नक्सली संगठन अब केवल ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि शहरी इलाकों में भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। चंद्रपुर और नागपुर जैसे शहरों में इनकी उपस्थिति देखी गई है।”
2012 और 2014 की सूचियों का हवाला
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह भी बताया कि 2012 में दिवंगत भाजपा विधायक गिरीश बापट द्वारा पुणे में कथित नक्सली प्रशिक्षण केंद्र को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में तत्कालीन गृह मंत्री आर. आर. पाटिल ने 48 फ्रंटल संगठनों की सूची जारी की थी। इन संगठनों को अर्बन नक्सल कहा गया था।
फडणवीस ने आगे बताया कि 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान लोकसभा में महाराष्ट्र के सांसद ए. टी. नाना द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने 72 फ्रंटल संगठनों की सूची जारी की थी। इनमें से 7 संगठन महाराष्ट्र में सक्रिय पाए गए थे। इन संगठनों ने भी भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया था।
नक्सली संगठनों की गतिविधियों पर चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्बन नक्सल संगठनों की गतिविधियां शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इन संगठनों की मंशा चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी पैदा करना और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना है।