उत्तर प्रदेश: बालरामपुर में सामने आए धर्मांतरण प्रकरण में रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं और मामले की गहराई बढ़ती जा रही है। इस प्रकरण के मुख्य आरोपी छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीना को एटीएस ने 7 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में जो जानकारियां सामने आई हैं, वे बेहद चौंकाने वाली और गंभीर सुरक्षा चिंता को जन्म देने वाली हैं।
जानकारी के अनुसार, छांगुर बाबा ने नीतू के साथ मिलकर अब तक करीब 1500 से अधिक हिंदू लड़कियों और महिलाओं को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराया है। बाबा का यह नेटवर्क सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके जरिए एक संगठित इस्लामी दावा नेटवर्क खड़ा करने की साजिश भी की जा रही थी। इस नेटवर्क का मकसद इन धर्मांतरण किए गए युवतियों के जरिए एक लंबी सांस्कृतिक और वैचारिक जड़ें जमाने वाली रणनीति पर काम करना था।
एटीएस और खुफिया एजेंसियां फिलहाल इस पूरे नेटवर्क की गहराई और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की जांच में जुटी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार छांगुर बाबा का संपर्क देश के बाहर के कुछ संदिग्ध नेटवर्क्स से भी रहा है, जो भारत में वैचारिक और सामाजिक अस्थिरता फैलाने के इरादे से काम कर रहे हैं। इस कोण से बाबा और नसरीन दोनों की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।
धर्मांतरण की प्रक्रिया के पीछे बाबा की रणनीति बेहद शातिर थी। वह विशेष रूप से ऐसी महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाता था, जो विधवा थीं, जिनके पति उन्हें छोड़ चुके थे, जो संतानहीन थीं या फिर मानसिक रूप से कमजोर स्थिति में थीं। बाबा इन्हें इलाज और चमत्कार के नाम पर अपने झांसे में फंसाता था, फिर नीतू के सहयोग से उनका लगातार ब्रेनवॉश करता था। इन सभी प्रक्रियाओं के बाद महिलाएं मजबूरी में धर्म बदलने को तैयार हो जाती थीं।
एटीएस ने बीते शनिवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें अदालत ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इस दौरान एजेंसियां उनकी गतिविधियों, वित्तीय लेनदेन, सोशल मीडिया नेटवर्क और डिजिटल डेटा की गहन जांच कर रही हैं।
इस पूरे प्रकरण ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि केंद्र सरकार तक को सतर्क कर दिया है। धर्मांतरण की इस सुनियोजित साजिश को देश की सुरक्षा, सामाजिक ताने-बाने और महिला सशक्तिकरण के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि यह नेटवर्क अन्य राज्यों में भी सक्रिय हो सकता है।
अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ्तारी होगी। बालरामपुर का यह मामला अब केवल एक धर्मांतरण केस नहीं, बल्कि एक संगठित वैचारिक हमले की साजिश के रूप में देखा जा रहा है।