नेशनल हाई वे 709 पर लोहारू रोड़ से राजगढ़ रोड़ को जोड़ने के लिए बनाए गए बाईपास पर आज सुबह 8 बजे कुछ किसान परिवारों ने जाम लगा दिया। किसानों की मांग थी कि बाईपास के निर्माण के लिए उनके खेतों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन 2 वर्ष बाद भी किसी तरह का मुआवजा उन्हें नहीं दिया गया है। हाई वे पर जाम लगा कर बैठे नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के विरुद्ध जम कर नारेबाजी भी की।
हाई वे जाम की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे मुआवजा दिलवाने की अपनी मांगों पर अड़े रहे। पीड़ित किसानों का कहना था कि हाई वे निर्माण के लिए उनकी जमीनों का अधिग्रहण किया गया और मकान तोड़ दिए गए। लेकिन आज तक मुआवजे की राशि का भुगतान उन्हें नहीं किया गया। ग्रामीणों ने मुआवजा राशि के लिए भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि उपखण्ड कार्यालय में सम्बन्धित कर्मचारी कागजी खानापूर्ति के नाम पर मोटी रकम की मांग करते हैं।
हाई वे पर जाम की सूचना पर मौके पर पहुंचे पार्षद राजकुमार नायक ने ग्रामीणों की ओर से एसडीएम दयानन्द रूयल से बात की और उन्हें मामले से अवगत करवाया। एसडीएम रूयल ने ग्रामीणों को अपने कागजात लेकर उपखण्ड कार्यालय बुलाया और समस्या के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। समझाइश के बाद 10:30 बजे ग्रामीणों ने जाम को हटा लिया। हालांकि ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि प्रशासन अगर आज मुआवजे को लेकर न्याय नहीं करता है तो दोबारा पूरी रणनीति के साथ धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
सूचना पर पहुंचे पुलिस जाब्ते में शामिल महावीर सिंह ढाका ने बताया कि मुआवजे की मांग कर रहे ग्रामीणों ने बाईपास पर जाम लगाया था। समझाइश और अधिकारियों से बात करवाने पर लगभग दो से ढाई घंटे बाद रास्ता खोल दिया गया। हाई वे जाम करने के लिए आज सत्यनारायण, प्रमोद, परमेश्वरी, सुरेश, जितेन्द्र शर्मा, कपिल शर्मा आदि ग्रामीण अपने परिवारों के साथ पहुंचे थे।