टनकपुर, उत्तराखंड: टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर तवाघाट क्षेत्र में पहाड़ दरकने से चीन सीमा का संपर्क भंग हो गया है। भूस्खलन के कारण 50 मीटर हाईवे ध्वस्त हो चुका है, जिससे उच्च हिमालयी क्षेत्रों से आने वाले दर्जनों वाहन फंसे हुए हैं। इस आपदा के चलते तवाघाट से लेकर व्यास, दारमा और चौदास घाटी के 60 से अधिक गांव अलग-थलग पड़ गए हैं।
हाईवे पर निर्माण कार्य के दौरान हुआ हादसा
टनकपुर-तवाघाट हाईवे के बलुवाकोट से तवाघाट तक चौड़ीकरण और सुधारीकरण का कार्य हिलवेज कंपनी द्वारा किया जा रहा है। शनिवार सुबह कंपनी ने तवाघाट जीरो पॉइंट के पास चट्टान तोड़ने के लिए बारूदी विस्फोट किया। विस्फोट के बाद मलबा हटाने का कार्य किया गया, लेकिन पहाड़ की हलचल जारी रही। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मार्ग पर यातायात संचालन बंद कर दिया गया।
भूस्खलन की विभीषिका
विस्फोट के तीन घंटे बाद पहाड़ में हलचल तेज हो गई, और भारी मलबा और विशाल बोल्डर काली नदी में गिरने लगे। तेज आवाज के साथ हुए इस हादसे से पूरा क्षेत्र धूल के गुबार में छा गया। भूस्खलन के चलते तवाघाट से लिपुलेख और दारमा घाटी को जोड़ने वाले मार्ग भी बाधित हो गए हैं।
वाहन और ग्रामीण फंसे
मार्ग बंद होने से व्यास, दारमा और चौदास घाटी से धारचूला आने वाले दर्जनों वाहन फंसे हुए हैं। इस बार हिमालयी क्षेत्रों में कम हिमपात होने के कारण अधिकांश ग्रामीण गांवों में ही रह रहे हैं, जिसके चलते इन मार्गों पर वाहनों का संचालन अधिक हो रहा था।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भयानक लैंडस्लाइड हो गया। चारों ओर धूल का गुबार फैल गया। यह लैंडस्लाइड धारचूला-तवाघाट एनएच पर हुआ है।
— Neha Bohra (@neha_suyal) December 21, 2024
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मुख्यमंत्री ने दिए तत्काल राहत के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूस्खलन का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द मार्ग खोलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, जो राहत की बात है। जिला प्रशासन को मलबा हटाने और यातायात बहाल करने के लिए त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
भारी बारूदी विस्फोट पर उठ रहे सवाल
टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर चौड़ीकरण कार्य के लिए किए गए भारी बारूदी विस्फोट की तीव्रता से भूगर्भीय गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से अति संवेदनशील है, जहां भारी विस्फोट पर रोक है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी से यहां की पहाड़ियों में दरारें बढ़ती जा रही हैं।
अगस्त माह में भी हुआ था भूस्खलन
तवाघाट क्षेत्र में अगस्त माह में भी इसी प्रकार का भूस्खलन हुआ था। तब स्थानीय लोग पैदल आवाजाही कर रहे थे। उस समय भी विशाल चट्टानें दरकने से सड़क मार्ग बाधित हुआ था।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही धारचूला के एसडीएम मंजीत सिंह और पुलिस बल मौके पर पहुंच गए। जिलाधिकारी विनोद गिरि गोस्वामी ने कहा कि प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि बारूदी विस्फोट से पहाड़ दरकने की जानकारी गलत है और अन्य भूगर्भीय कारणों को भी देखा जा रहा है। जल्द ही मार्ग को खोलने की संभावना है।