नई दिल्ली: पाकिस्तान ने 7-8 मई 2025 की रात भारत के उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में स्थित प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक संगठित और उकसावेपूर्ण हमले की कोशिश की। ड्रोन और मिसाइलों के माध्यम से किए गए इन हमलों में जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक कई वायुसेना और सेना के अड्डों को निशाना बनाया गया।
हमले की प्रमुख जगहें
अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज जैसे प्रमुख सैन्य अड्डे पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों के निशाने पर थे।

भारतीय सुरक्षा प्रणाली सतर्क
भारतीय सेना की एयर डिफेंस और यूनिफाइड एयरोस्पेस सर्विलांस (UAS) ग्रिड ने समय रहते कार्रवाई करते हुए इन अधिकतर हमलों को निष्फल कर दिया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हमलों के मलबे को अलग-अलग जगहों से बरामद कर लिया गया है, जो पाकिस्तानी आक्रामकता की पुष्टि करता है।
भारत का करारा जवाब
हमलों के कुछ घंटों के भीतर ही भारत ने तीव्र और सटीक जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने सुबह-सवेरे पाकिस्तान के अंदर कई एयर डिफेंस रडार और सिस्टम्स को निशाना बनाया।
लक्ष्य:
- लाहौर: एक प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया गया।
- पाकिस्तानी सीमा के भीतर अन्य ठिकानों पर भी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हमले किए गए हैं।
रक्षा मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि भारत ने किसी पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय या नागरिक ठिकाने को लक्ष्य नहीं बनाया। भारत का उद्देश्य युद्ध नहीं, आत्मरक्षा और जवाबदेही है।

एलओसी पर तनाव: नागरिकों पर हमला
सीमा पर भी हालात गंभीर हैं। एलओसी के पास कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, मेंढर और राजौरी जैसे क्षेत्रों में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी की गई।
नुकसान:
- 16 भारतीय नागरिकों की मृत्यु, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं।
- कई घरों को नुकसान, सैकड़ों नागरिक सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर।
भारत का स्पष्ट संदेश
“भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन हमले का माक़ूल जवाब देना जानते हैं।”
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने दोहराया कि भारत की नीति संयम की है, लेकिन उसकी संप्रभुता पर कोई हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुरक्षा समीक्षा बैठकें जारी
प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, एनएसए और सेना प्रमुखों के बीच लगातार उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं। सभी सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।