Monday, February 24, 2025
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तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ लिया सख्त कदम, हटाने के आदेश जारी

तिरुपति, आंध्र प्रदेश: तिरुपति बालाजी मंदिर के शासी निकाय, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), ने मंदिर के धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों में भाग लेने के दौरान कथित रूप से गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस संबंध में बोर्ड ने आदेश जारी कर इन कर्मचारियों को पदों से हटाने का निर्णय लिया है।

टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू के निर्देश पर बोर्ड ने तिरुमाला श्री बालाजी मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के उद्देश्य से इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। बोर्ड का कहना है कि मंदिर में केवल हिंदू कर्मचारियों को ही काम करने का अवसर मिलना चाहिए, ताकि मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा बनी रहे।

प्रस्ताव में क्या था?

हाल ही में आयोजित टीटीडी बोर्ड की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें इन कर्मचारियों को या तो आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में ट्रांसफर करने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने का विकल्प दिया गया। बोर्ड ने इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई कि गैर-हिंदू व्यक्तियों को मंदिर प्रशासन या धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल नहीं किया जाए। इस प्रकार के मामले भविष्य में फिर से सामने आने पर बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

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जगन मोहन रेड्डी सरकार में हुई थी भर्ती

यह मामला राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आया था, जब गैर-हिंदू कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। अब, चंद्रबाबू नायडू की सरकार के तहत यह भर्ती विवाद का कारण बन चुकी है। कई बार मंदिर प्रशासन ने इस मुद्दे पर चिंता जताई थी, खासकर तब जब अन्य धार्मिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के मंदिर प्रशासन में शामिल होने के बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या इससे मंदिर की पवित्रता प्रभावित हो रही है।

टीटीडी का आदेश और भविष्य के कदम

टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड ने 18 नवंबर 2024 को हुई बैठक में इन कर्मचारियों को हटाने का निर्णय लिया और उन्हें आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा। बोर्ड के चेयरमैन बीआर नायडू ने इस निर्णय के पीछे झूठे हलफनामों और धर्मांतरण से संबंधित चिंताओं को प्रमुख कारण बताया। उनका कहना था कि तिरुमाला श्री बालाजी मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुँचाने वाली किसी भी गतिविधि को सख्ती से रोका जाएगा।

मंदिर के त्योहारों से संबंधित ड्यूटी से बाहर रखा जाएगा

टीटीडी ने इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि इन कर्मचारियों को मंदिर के त्योहारों, जुलूसों और अन्य हिंदू आयोजनों से संबंधित किसी भी प्रकार की ड्यूटी नहीं सौंपी जाएगी। बोर्ड ने कहा कि इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि तिरुमाला की पवित्रता और धार्मिक गरिमा कायम रहे।

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