झुंझुनूं: जिले में ई-मित्र कियोस्क के माध्यम से जाति प्रमाण पत्रों में अनियमितता के दो मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने कठोर कार्रवाई की है। नवलगढ़ और खेतड़ी ब्लॉक में संचालित दो ई-मित्र कियोस्कों को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। यह निर्णय सेवा स्तर के अनुबंधों का उल्लंघन मानते हुए लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवलगढ़ ब्लॉक में संचालित ई-मित्र कियोस्क के संचालक सुनील कुमार द्वारा बिना जनआधार नंबर के आवेदन प्रस्तुत किया गया और पोर्टल पर अनधिकृत संपादन किया गया। वहीं खेतड़ी ब्लॉक के कियोस्क संचालक अशोक कुमार दीगवाल पर जाति प्रमाण पत्र में पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप है। दोनों ही मामलों की जांच के बाद जिला प्रशासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए इन कियोस्कों को तीन वर्षों तक सेवा से प्रतिबंधित कर दिया है।
जिला कलेक्टर अरुण गर्ग ने इस संदर्भ में कहा कि जनसेवा से जुड़े ई-मित्र प्रणाली में किसी भी प्रकार की लापरवाही या फर्जीवाड़ा सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से सरकारी सेवाओं की पारदर्शिता और जनविश्वास पर प्रतिकूल असर पड़ता है, जिसे किसी भी स्थिति में क्षमा नहीं किया जा सकता। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दोनों कियोस्कों को तत्काल प्रभाव से बंद कराने के निर्देश भी जारी किए हैं।
इसके साथ ही प्रशासन ने इन दोनों कियोस्क संचालकों की आधार और जनआधार आईडी को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इन व्यक्तियों या उनके किसी पारिवारिक सदस्य को किसी भी रूप में ई-मित्र कियोस्क का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रशासन की इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि जनकल्याण से जुड़ी सेवाओं में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अनियमितता को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है और दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
(न्यूज़ में दिखाई गई छवि प्रतिकात्मक है व एआई द्वारा कृत है)