बीजिंग/पेरिस/नई दिल्ली: चीन और फ्रांस द्वारा शनिवार को संयुक्त रूप से लॉन्च किए गए गामा-किरण उपग्रह को लेकर एक रोमांचक खबर सामने आई है। लॉन्च के दौरान रॉकेट का एक हिस्सा पृथ्वी पर आवासीय क्षेत्र में गिर गया, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने मिशन को सफल घोषित करते हुए दावा किया है कि उपग्रह अपनी कक्षा में स्थापित हो चुका है और यह अब तक का सबसे शक्तिशाली गामा-किरण उपग्रह है।
गिर गया रॉकेट का हिस्सा
यह घटना शनिवार 22 जून (स्थानीय समयानुसार) को सुबह 3 बजे घटित हुई, जब चीन के ज़िचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च 2-सी रॉकेट ने “स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर” (एसवीओएम) नामक उपग्रह को अंतरिक्ष की ओर रवाना किया। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद रॉकेट का एक हिस्सा, जिसे “बूस्टर” कहा जाता है, वापस धरती पर गिर गया। यह आवासीय क्षेत्र में गिरा, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रॉकेट का हिस्सा आसमान से गिरता हुआ दिखाई दे रहा है।
🙀 Behind the scenes of SVOM launch https://t.co/Fcc0OAY3ac pic.twitter.com/5fiM4oz2GY
— China 'N Asia Spaceflight 🚀𝕏 🛰️ (@CNSpaceflight) June 22, 2024
चीन का दावा: मिशन सफल
इस घटना के बावजूद, चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन ने मिशन को सफल घोषित किया है। उनका कहना है कि एसवीओएम उपग्रह सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में पहुंच गया है और यह अब तक का सबसे शक्तिशाली गामा-किरण उपग्रह है। यह उपग्रह गामा-किरण विस्फोटों सहित विभिन्न खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करेगा।
🚀 Liftoff at 07:00UTC on June 22, Long March 2C launched Space Variable Objects Monitor (SVOM) X-ray telescope from Xichang. https://t.co/rFJyvrWiUo pic.twitter.com/mgf7jkgdG4
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चीन-फ्रांस का पहला संयुक्त खगोलीय उपग्रह
एसवीओएम चीन और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया पहला खगोलीय उपग्रह है। यह अंतरिक्ष और चंद्र अन्वेषण में चीन की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। इस मिशन पर दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने लगभग 20 वर्षों तक कड़ी मेहनत की है।