अमृतसर, पंजाब: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में खालिस्तान समर्थक नारों की गूंज एक बार फिर सुनाई दी। शुक्रवार को सामने आए एक वीडियो में सिख अलगाववादी संगठन शिअद (मान) के नेता सिमरनजीत सिंह मान की उपस्थिति में स्वर्ण मंदिर में उपस्थित भीड़ को “खालिस्तान ज़िंदाबाद” के नारे लगाते हुए देखा गया। इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद एक बार फिर से ऑपरेशन ब्लू स्टार की ऐतिहासिक एवं संवेदनशील पृष्ठभूमि चर्चा में आ गई है।

जसबीर सिंह रोडे का बयान: “इसमें कुछ नया नहीं”
पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने नारों की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ऐसे नारे यहां और विदेशों में हमेशा ही लगते रहे हैं, इसमें कुछ भी नया नहीं है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि आखिर सिखों के सबसे पवित्र स्थल पर हमला क्यों किया गया।” रोडे ने कहा कि सिख समुदाय उस समय केवल अपने अधिकारों की मांग कर रहा था, लेकिन उन पर सैन्य कार्रवाई कर हमला किया गया, जैसे कि किसी दुश्मन देश पर हमला किया जाता है।
1984 का ऑपरेशन ब्लू स्टार: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1 से 8 जून 1984 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य स्वर्ण मंदिर परिसर से जर्नैल सिंह भिंडरांवाले और उनके समर्थक उग्रवादियों को हटाना था, जिन्होंने मंदिर परिसर को हथियारों से भर एक सैन्य किले में बदल दिया था।
हालांकि, इस सैन्य कार्रवाई को लेकर आज भी सिख समुदाय का एक बड़ा वर्ग इसे पवित्र धार्मिक स्थल पर हमला मानता है। वहीं सरकार और सुरक्षाबलों के अनुसार यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ एक आवश्यक कदम था।
#WATCH | Amritsar, Punjab: People raise slogans of 'Khalistan zindabad' as SAD (Mann faction) leader Simranjit Singh Mann reaches the Golden Temple on the 41st anniversary of Operation Blue Star and also the death anniversary of Jarnail Singh Bhindranwale, who was killed during… pic.twitter.com/f0kmGBa1le
— ANI (@ANI) June 6, 2025
पंजाब में हाई अलर्ट, 4000 जवान तैनात
बरसी के दिन अमृतसर सहित पूरे पंजाब में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। पंजाब पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अमृतसर शहर की सीमाओं पर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर विशेष चेकिंग की जा रही है। अंदरूनी क्षेत्रों में भी नाकेबंदी की गई है।
स्वर्ण मंदिर परिसर के आसपास सुरक्षा को विशेष रूप से कड़ा किया गया है, जहां करीब 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आने-जाने वालों की जांच और संदिग्ध गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।

दल खालसा का विरोध, अमृतसर बंद का ऐलान
सिख कट्टरपंथी संगठन दल खालसा ने अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज द्वारा दिए गए संदेश पर आपत्ति जताई है। दल खालसा ने गुरुवार शाम को एक शहीदी मार्च निकाला और शुक्रवार को अमृतसर बंद का ऐलान किया।