चिड़ावा, 1 मई 2025: गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत झेल रहे चिड़ावा शहर के अरड़ावतिया कॉलोनीवासियों ने जलदाय विभाग की लापरवाही के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। खराब पड़े बोरवेल को सात दिनों तक ठीक न करने से नाराज नागरिकों ने जब आठवें दिन विभागीय कर्मचारी मरम्मत के लिए पहुंचे, तो बैंडबाजा बुलाकर उनका स्वागत कर दिया। यह ‘स्वागत’ वस्तुतः विभागीय उदासीनता पर व्यंग्य था, जिसने सोशल मीडिया पर भी व्यापक ध्यान खींचा।

सात दिन से परेशान थे वार्ड 16 और 17 के निवासी
22 अप्रैल को अरड़ावतिया कॉलोनी स्थित नामदेव मंदिर के पास के सार्वजनिक बोरवेल की सप्लाई लाइन टूट गई थी, जिससे वार्ड 16 और 17 में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। मोहल्ले के समाजसेवी मुकेश खडोलिया और अभिषेक पारीक बिट्टू ने तुरंत इस बारे में जलदाय विभाग को सूचित किया, लेकिन विभाग की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिले।
विभाग ने बताई स्टोर में सामान की कमी
समस्या के समाधान में देरी पर जब कॉलोनीवासियों ने विभागीय अधिकारियों पर दबाव डाला, तो कर्मचारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि स्टोर में आवश्यक सामान उपलब्ध नहीं है। मजबूर होकर लोगों ने चंदा इकट्ठा कर स्वयं करीब ₹3,500 का सामान जुटाया और विभाग को इसकी सूचना भी दी।
बोरवेल ठीक करने पहुंचे कर्मचारियों का बैंडबाजे से ‘स्वागत’
बुधवार को जब जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारी ओमप्रकाश बारी और ठेकेदार कंवर सिंह के साथ लोरिंग मशीन लेकर पहुंचे, तो कॉलोनीवासियों ने तुरंत बैंडबाजा मंगवाया और कर्मचारियों का स्वागत किया। यह दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए।
नागरिकों ने जताई नाराजगी, बताया प्रतीकात्मक विरोध
मोहल्ले के नरोत्तम, पुरुषोत्तम सैनी, भानीराम नायक, मोनू भारती, राधेश्याम नायक, बाबूलाल वर्मा, मदन टेलर, गुलाम हुसैन और करण शर्मा सहित अन्य लोगों ने बताया कि यह स्वागत वास्तव में एक विरोध था, जो विभागीय निष्क्रियता पर कटाक्ष करता है। उनका उद्देश्य था कि कर्मचारी भविष्य में जिम्मेदारी से काम करें, खासकर गर्मियों के समय में जब जल संकट और अधिक गंभीर हो जाता है।
विभाग का पक्ष: स्टोर में नहीं था जरूरी वाल्व
इस संबंध में जलदाय विभाग चिड़ावा के स्टोर इंचार्ज महेंद्र सैनी ने बताया कि बोरवेल का ऊपरी वाल्व टूट गया था, जिसकी आपूर्ति विभागीय स्टोर में नहीं है। जब मोहल्लेवासियों ने आवश्यक सामान उपलब्ध करवा दिया, तो बोरवेल की मरम्मत कर दी गई और उसमें दो पाइप भी जोड़े गए।

जिला प्रशासन के 24 घंटे में समाधान के दावे पर उठे सवाल
यह उल्लेखनीय है कि झुंझुनूं कलेक्टर ने पूर्व में कहा था कि कंट्रोल रूम में शिकायत करने पर 24 घंटे के भीतर जल समस्याओं का समाधान किया जाएगा। लेकिन अरड़ावतिया कॉलोनी में बोरवेल को ठीक होने में पूरे आठ दिन लग गए, जिससे प्रशासनिक दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।