खेतड़ी, 27 मई 2025: खेतड़ी तहसील क्षेत्र के शिमला गांव को हरियाणा सीमा से जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग पिछले लंबे समय से बदहाली का शिकार बना हुआ है। गांव में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों की स्थिति जर्जर हो चुकी है, जिनमें सबसे अधिक खराब स्थिति शिमला-बलाहा मार्ग की है। इस मार्ग पर चलना न केवल वाहनों के लिए कठिन है, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी जान जोखिम में डालने जैसा है।
आपको बता दें कि शिमला-बलाहा सड़क मार्ग गांव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहीं से होकर सर्व समाज श्मशान भूमि, हरिजन समाज श्मशान भूमि, अंग्रेजी माध्यम स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर और राइम किड्स स्कूल जैसे संस्थानों तक पहुंचा जाता है। बरसात के दिनों में यह रास्ता जलभराव के चलते दुर्गम हो जाता है, और आवागमन पूरी तरह से बाधित हो जाता है। बीते तीन दिन पूर्व रात को आई तेज आंधी व बारिश के चलते यह रास्ता लबालब भर गया और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

शिमला-बलाहा मार्ग की सड़क पर जगह-जगह दो से तीन फीट गहरे गड्ढे बन चुके हैं। इन गड्ढों के कारण कई बार दोपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इसके अलावा, महिलाएं जब पानी भरकर लौटती हैं तो कई बार फिसलकर गिर जाती हैं और घायल हो जाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
गांव निवासी राजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि इस मार्ग की मरम्मत व पुनर्निर्माण को लेकर उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया है। वहीं, गांव के अन्य लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग से भी कई बार निवेदन किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
वर्ष 2024 में खेतड़ी क्षेत्र के विधायक धर्मपाल गुर्जर द्वारा ग्रामीणों को इस सड़क के निर्माण का आश्वासन दिया गया था। उन्होंने लगभग दो करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, परंतु वह अब तक स्वीकृत नहीं हो सका है। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक का वह वादा आज भी अधूरा पड़ा है।
शिमला गांव के निवासी सतपाल, रतनलाल, विजय कुमार, मीना देवी व सुभाष चंद ने बताया कि उन्होंने कई बार राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस मार्ग की हालत सुधारने की मांग की है। बावजूद इसके, शासन-प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि 27 मई को गांव के कच्छीका परिवार के युवक अशोक कुमार की मृत्यु के बाद जब उसकी अर्थी को श्मशान भूमि ले जाया गया, तब लोगों को गंदे पानी और कीचड़ से होकर गुजरना पड़ा। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए अत्यंत अपमानजनक व असुविधाजनक रही।

गांव की सीमा हरियाणा से जुड़ती है और यह मार्ग दोनों राज्यों के बीच संपर्क का मुख्य साधन है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहन व राहगीर इसी मार्ग से गुजरते हैं, जिन्हें इस बदहाल रास्ते के कारण भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, झुंझुनू जिला कलेक्टर, और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को शिकायत भेजकर शीघ्र ही इस सड़क के निर्माण की मांग की है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जन आंदोलन का रास्ता अपनाने पर विवश होंगे।