नई दिल्ली: वैश्विक वित्तीय बाजारों में बढ़ती अनिश्चितताओं और अस्थिरताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अमेरिकी उद्योगपतियों और निवेशकों से भारत में निवेश करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत नीतिगत स्थिरता, मजबूत आर्थिक बुनियाद और उच्च वृद्धि दर के चलते वैश्विक निवेश के लिए एक स्वाभाविक गंतव्य बनकर उभरा है।
संजय मल्होत्रा शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (USISPF) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अनिश्चितता के बावजूद भारत चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखने की उम्मीद कर रहा है।

भारत की मजबूती: स्थिरता और संभावनाएं
आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा,
“जब कई विकसित अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही हैं, भारत स्थिरता और सशक्त वृद्धि का प्रदर्शन कर रहा है। भारत मौद्रिक, वित्तीय, राजनीतिक और नीतिगत स्थिरता, अनुकूल कारोबारी माहौल और मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद के साथ आगे बढ़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग सेक्टर बेहतर बैलेंस शीट, पर्याप्त नकदी और मजबूत पूंजी बफर के साथ उद्योग और व्यापार जगत की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा,
“यह एक ऐसा अवसर है जहां हम मिलकर न केवल भारत के भविष्य को आकार दे सकते हैं, बल्कि एक बेहतर वैश्विक भविष्य का निर्माण भी कर सकते हैं। मैं अमेरिकी उद्योग जगत से आग्रह करता हूं कि वे इस यात्रा का हिस्सा बनें, सहयोग करें, नवाचार करें और भारत में निवेश करें।”

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में मजबूती
संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारत में विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार मजबूत बना हुआ है। इसका प्रमाण देश में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के आंकड़ों से मिलता है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत में सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़कर 75.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो इससे पूर्व वर्ष की समान अवधि में 65.2 अरब डॉलर था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि
“यह भारत की आर्थिक स्थिरता और निवेशकों के भरोसे का प्रत्यक्ष प्रमाण है। भारत में निवेश करना अब वैश्विक निवेशकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य और अवसर प्रदान कर रहा है।”