नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार रात 10:00 बजे श्रीहरिकोटा से अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। PSLV-C60 रॉकेट की मदद से इस मिशन को अंजाम दिया गया, जिसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है। इसरो का यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के निर्माण और चंद्रयान-4 मिशन की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
SpaDeX मिशन: नई संभावनाओं की शुरुआत
SpaDeX मिशन के तहत इसरो ने दो सैटेलाइट लॉन्च किए हैं – चेसर और टारगेट। चेसर सैटेलाइट का मुख्य कार्य टारगेट सैटेलाइट को पकड़कर उससे डॉकिंग करना है। इस मिशन के तहत पहली बार इसरो अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट को जोड़ने की तकनीक का प्रदर्शन करेगा। इसके अलावा, एक विशेष रोबोटिक आर्म के जरिए टेथर्ड तकनीक का परीक्षण भी किया जाएगा, जिससे भविष्य में सैटेलाइट्स को कक्षा में वापस लाने, उनकी सर्विसिंग और रीफ्यूलिंग संभव होगी।
इसरो ने दी सफलता की जानकारी
इसरो ने SpaDeX मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए कहा कि PSLV-C60 रॉकेट से दोनों सैटेलाइट्स (SpaDeX-A और SpaDeX-B) का सफलतापूर्वक सेपरेशन हो चुका है। इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि डॉकिंग प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी और 7 जनवरी तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत स्वदेशी तकनीक से स्पेस डॉकिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले यह तकनीक केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास थी।
Privileged to be associated with the Department of Space at a time when Team #ISRO mesmerises the world with global wonders, one after the other.
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) December 30, 2024
India becomes the fourth to join the select league of nations to seek Space docking, through its own indigenously developed “Bharatiya… pic.twitter.com/N9o7qID8z4
कम लागत वाला मिशन
SpaDeX मिशन एक कम लागत वाला तकनीकी मिशन है, जिसे PSLV रॉकेट की मदद से पूरा किया गया। इसरो के अनुसार, यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अभियानों के भविष्य को नई दिशा देगा। मिशन की सफलता से चांद पर इंसानी मिशन, चंद्रमा से नमूने लाने, और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और संचालन में मदद मिलेगी।
चंद्रयान-4 और स्पेस स्टेशन के लिए अहम
SpaDeX मिशन की सफलता भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-4 मिशन के लिए भी अहम है। डॉकिंग तकनीक चंद्रयान-4 के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह तकनीक अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। SpaDeX मिशन के तहत पहली बार दो सैटेलाइट्स को एक ही रॉकेट में लॉन्च कर अलग-अलग कक्षाओं में छोड़ा गया है।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में नई उपलब्धि
इसरो का SpaDeX मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ता है। इसकी सफलता न केवल भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी कौशल को दुनिया में साबित करती है, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है। इस तकनीक के जरिए भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग जैसे जटिल अभियानों को भी सुलभ और किफायती बना सकेगा।