झुंझुनूं: जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल में अब मरीजों को एमआरआई जांच के लिए जयपुर या निजी केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा के तहत बीडीके अस्पताल को शीघ्र ही एमआरआई मशीन मिलने जा रही है। यह सुविधा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर शुरू की जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने मशीन की स्थापना का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है और इसके लिए उपयुक्त स्थान का चयन भी कर लिया गया है। स्वीकृति मिलते ही मशीन लगाने और संचालन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र भांबू ने बताया कि लंबे समय से एमआरआई मशीन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा से जिले के चिकित्सा क्षेत्र को महत्वपूर्ण राहत मिलने जा रही है। बीडीके अस्पताल में प्रतिदिन औसतन ढाई हजार से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, जिनमें बड़ी संख्या न्यूरोलॉजी, ब्रेन स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी, कैंसर और ऑर्थोपेडिक रोगियों की होती है, जिन्हें समय पर एमआरआई जांच की आवश्यकता होती है।
फिलहाल सरकारी स्तर पर जिले में एमआरआई सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण रोगियों को निजी जांच केंद्रों का सहारा लेना पड़ता है, जहां उन्हें जांच के लिए पांच से आठ हजार रुपये तक खर्च करना पड़ता है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कई मरीज समय पर जांच नहीं करवा पाते, जिससे इलाज में देर होती है और रोग गंभीर हो जाता है।
मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2024-25 के बजट में घोषित योजना के तहत झुंझुनूं सहित कुल 15 जिलों के अस्पतालों में एमआरआई मशीनें पीपीपी मॉडल पर स्थापित की जानी हैं। इस सूची में बाड़मेर, चूरू, नागौर, सिरोही, टोंक, जालोर, करौली, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बूंदी, बारां, झालावाड़ और हनुमानगढ़ जैसे जिले भी शामिल हैं।
इस मॉडल के अंतर्गत निजी ऑपरेटर एमआरआई मशीन स्थापित कर उसे संचालित करेगा, जबकि अस्पताल परिसर में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी व स्थान राज्य सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएंगी। तय दरों के अनुसार, निजी संस्था मरीजों को सेवा देगी। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और भामाशाह योजना के लाभार्थियों को यह जांच निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। अन्य मरीजों से निजी केंद्रों की तुलना में काफी कम शुल्क लिया जाएगा। रिपोर्टिंग विशेषज्ञों की देखरेख में सुनिश्चित की जाएगी।
एमआरआई जांच की यह सुविधा केवल झुंझुनूं शहर ही नहीं बल्कि खेतड़ी, नवलगढ़, पिलानी, मंड्रेला, सूरजगढ़, अलसीसर, सिंघाना और बुहाना जैसे दूरवर्ती इलाकों के रोगियों के लिए भी राहत लेकर आएगी। अब उन्हें महंगे जांच केंद्रों या जयपुर और सीकर जैसे बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। समय पर जांच उपलब्ध होने से इलाज में तेजी आएगी और रोग की प्रारंभिक अवस्था में ही सटीक निदान कर प्रभावी चिकित्सा की जा सकेगी।