जयपुर: राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के अंतर्गत गरीबी हटाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के पहले चरण के तहत प्रदेश के 5002 गांवों का चयन किया गया है, जिनमें 30,631 बीपीएल परिवारों को चिन्हित कर लिया गया है। इन परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने के उद्देश्य से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सरकार द्वारा इस योजना के लिए कुल 300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। चिन्हित परिवारों का भौतिक सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है और बीपीएल जनगणना 2002 के आंकड़ों से उनका मिलान कर वेब पोर्टल पर डाटा दर्ज कर दिया गया है। इसके अलावा, जो परिवार पहले बीपीएल की श्रेणी में थे लेकिन अब स्वविवेक और प्रयासों से गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं, उन्हें भी सरकार की ओर से 21 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
ऐसे आत्मनिर्भर परिवारों के बैंक खातों का सत्यापन अन्त्योदय संबल पखवाड़े के दौरान किया जा रहा है। अब तक 17,891 परिवारों के बैंक खाते सत्यापित किए जा चुके हैं और कुल 22,400 परिवारों को डीबीटी के माध्यम से यह राशि हस्तांतरित की जानी है। साथ ही इन परिवारों को ‘आत्मनिर्भर परिवार कार्ड’ भी दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने अब तक 61,442 परिवारों से आवेदन प्राप्त किए हैं, जिनमें पात्र परिवारों की सूची तैयार कर विभिन्न चरणों में सहायता और सम्मान राशि वितरित की जा रही है। योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना ही नहीं, बल्कि ग्राम स्तर पर गरीबी मुक्त वातावरण बनाना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
यह योजना ग्रामीण जीवन स्तर में बदलाव लाने, सामाजिक समावेशन को सशक्त करने और सम्मानपूर्वक जीवन जीने की दिशा में एक ठोस पहल मानी जा रही है।