इस्लामाबाद: ईरान पर इजरायली मिसाइल हमलों के बाद अब पाकिस्तान में भय और बेचैनी का माहौल है। इस आशंका को और बल मिला जब इजरायल के एक जाने-माने लेखक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार मेइर मसरी ने दावा किया कि ईरान के बाद अब इजरायल की निगाहें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की ओर हैं। इस बयान के बाद पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक हलचलों में तेजी देखी जा रही है।
मेइर मसरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि यदि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बनता है तो इजरायल उसे नजरअंदाज नहीं करेगा। उन्होंने संकेत दिए कि जिस तरह ईरान के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, वैसी ही रणनीति पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर भी लागू की जा सकती है। मसरी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है, और दोनों देशों के बीच लगातार मिसाइल हमलों का आदान-प्रदान हो रहा है।
सोशल मीडिया पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे यह कहते नजर आ रहे हैं कि यदि भविष्य में जरूरत पड़ी तो इजरायल ईरान के बाद पाकिस्तान पर भी कार्रवाई कर सकता है। इस वीडियो ने पाकिस्तानी जनता और सैन्य संस्थानों की चिंताओं को और गहरा कर दिया है।
पाकिस्तान के रक्षा विश्लेषकों और अधिकारियों ने आंतरिक बैठकों का दौर शुरू कर दिया है और परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इजरायल जैसे देश से प्रत्यक्ष हमले की संभावना ने इस बार स्थिति को अधिक संवेदनशील बना दिया है।
पाकिस्तान सरकार की ओर से हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उच्च स्तर पर सैन्य सतर्कता और कूटनीतिक मोर्चे पर सक्रियता तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह बयान केवल रणनीतिक दबाव बनाने के उद्देश्य से है तब भी इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है।
इजरायल और ईरान के बीच लगातार बढ़ रही सैन्य कार्रवाई ने पश्चिम एशिया को संकट की ओर धकेल दिया है। यदि इस तनाव की लपटें दक्षिण एशिया तक पहुंचती हैं, तो यह वैश्विक स्तर पर गहरी चिंता का विषय बन सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब पाकिस्तान और इजरायल के बीच की कूटनीतिक गतिविधियों पर टिकी है।