कनाडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों तीन देशों की यात्रा पर हैं और अपने कार्यक्रम के दूसरे पड़ाव पर वे कनाडा के कैननास्किस पहुंच चुके हैं, जहां वे G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इससे पूर्व वे साइप्रस दौरे पर थे, जहां दो दिन तक उन्होंने द्विपक्षीय कार्यक्रमों में भाग लिया।
इस बार G-7 समिट का आयोजन कनाडा के प्रतिष्ठित रिसॉर्ट टाउन कैननास्किस में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस समिट के दौरान विश्व के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे और वैश्विक मुद्दों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे। भारत भले ही G-7 का आधिकारिक सदस्य नहीं है, लेकिन वैश्विक आर्थिक मंच पर भारत की भूमिका को देखते हुए उसे विशेष आमंत्रण मिला है।

कनाडाई मीडिया की उत्सुक निगाहें
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को लेकर कनाडा की मीडिया में भी खासा उत्साह देखा गया। कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने एक स्थानीय न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा,
“यह दौरा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। कनाडा की राजनीति बीते वर्षों में अस्थिर रही है, लेकिन अब प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में देश एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। भारत जैसे साझेदार के साथ मजबूत रिश्ते इस बदलाव का हिस्सा हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंधों में सबसे बड़ी बाधा खालिस्तान मुद्दा रहा है। यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि कनाडा के आंतरिक सामाजिक ढांचे पर भी गहरा असर डालता है।
#WATCH | Canada: PM Narendra Modi receives a warm welcome as he lands in Calgary. He will attend the 51st G7 Summit in Kananaskis, Alberta. #PMModiAtG7
— ANI (@ANI) June 17, 2025
Source: DD https://t.co/lK5LNoG8Qy pic.twitter.com/4dga9ufQG7
खालिस्तान पर कार्रवाई की मांग तेज
डैनियल बोर्डमैन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कनाडा में कोई भी यह नहीं चाहता कि भारत को दोबारा आंतरिक अलगाव का सामना करना पड़े। उन्होंने यह भी जोड़ा कि,
“खालिस्तान से जुड़ी गतिविधियों ने कनाडा के ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध को मजबूती दी है। यदि कनाडा को वैश्विक मंच पर गंभीरता से लिया जाना है, तो उसे इस मुद्दे पर निर्णायक कदम उठाना ही होगा।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत पहले ही कनाडा को खालिस्तान समर्थक तत्वों पर कार्रवाई को लेकर कई बार आगाह कर चुका है। हाल ही में पंजाब में हुए राजनीतिक घटनाक्रम और कुछ आतंकी घटनाओं के पीछे कनाडा आधारित संगठनों की भूमिका सामने आई थी।
भारतीय प्रवासियों में उल्लास
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय में खासा उत्साह देखा गया। व्यवसायी और प्रवासी समुदाय के सदस्य सनी शर्मा ने कहा,
“हमारा समुदाय इस दौरे से बहुत खुश है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के अनुरोध पर हुआ है, जो इस बात को दर्शाता है कि भारत की भूमिका G-7 और वैश्विक व्यापार में कितनी महत्वपूर्ण हो चुकी है।”
उन्होंने आगे जोड़ा,
“G-7 को भारत की जरूरत है… और प्रधानमंत्री कार्नी यह जानते हैं कि राजनीति के साथ-साथ वैश्विक व्यापार के लिए भारत जैसा विश्वसनीय साथी जरूरी है।”

G-7 समिट और भारत की भूमिका
G-7 समूह में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। भारत को इस बार बतौर विशेष आमंत्रित देश बुलाया गया है। इस समिट में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, आतंकवाद, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और वैश्विक शांति जैसे विषयों पर चर्चा होगी।
भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक भूमिका को देखते हुए यह यात्रा न केवल राजनयिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे भारत-कनाडा संबंधों में भी नई ऊर्जा आ सकती है।