चीन: वैश्विक सुरक्षा पर नजर रखने वाली प्रतिष्ठित थिंक टैंक संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने अपनी ताज़ा वार्षिक रिपोर्ट SIPRI Yearbook 2025 में दुनिया भर में परमाणु हथियारों की स्थिति को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। रिपोर्ट में चीन की परमाणु ताकत में तेजी से हो रही बढ़ोतरी को सबसे बड़ा खतरा बताया गया है।
तेजी से परमाणु शक्ति बन रहा है चीन
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास वर्तमान में कम से कम 600 परमाणु हथियार (Nuclear Warheads) हैं। पिछले एक साल में चीन ने 100 नए परमाणु हथियार जोड़े हैं। रिपोर्ट का कहना है कि अगर यही गति रही, तो 2030 तक चीन के पास 1000 से अधिक परमाणु हथियार हो सकते हैं और 2035 तक यह संख्या 1500 वारहेड्स तक पहुंच सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अब अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) के मामले में भी अमेरिका और रूस के समकक्ष हो सकता है, जिससे वैश्विक शक्ति संतुलन पर गहरा असर पड़ सकता है।
SIPRI की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
- रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल – इन सभी नौ परमाणु संपन्न देशों ने 2024 में अपने हथियारों के आधुनिकीकरण और विस्तार पर जोर दिया है।
- SIPRI के निदेशक डैन स्मिथ ने रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि “परमाणु हथियारों की दौड़ एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर है और नियंत्रण के अभाव में यह वैश्विक सुरक्षा को गंभीर संकट में डाल सकती है।”
रूस और अमेरिका अब भी सबसे आगे
देश | अनुमानित परमाणु हथियार (2024) |
---|---|
रूस | 5,459 |
अमेरिका | 5,177 |
चीन | 600+ |
भारत | ~172 |
पाकिस्तान | ~170 |
उत्तर कोरिया | 40–50 |
इजरायल | ~90 |
रिपोर्ट बताती है कि रूस और अमेरिका के पास दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का 90 प्रतिशत हिस्सा है। हालांकि, चीन के बढ़ते कदम इस वर्चस्व को चुनौती देने की दिशा में स्पष्ट संकेत दे रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान की स्थिति
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक:
- भारत ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों की संख्या में हल्की बढ़ोतरी की है और नई तरह की परमाणु प्रणाली विकसित करने पर काम कर रहा है।
- पाकिस्तान भी नए डिलीवरी सिस्टम (जैसे मिसाइल और लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म) विकसित करने में लगा है। दोनों देशों के पास अब लगभग 170–175 परमाणु हथियार हैं।

चिंता का विषय: वैश्विक परमाणु हथियारों की गुणवत्ता में सुधार
SIPRI का कहना है कि केवल संख्या ही नहीं, बल्कि हथियारों की तकनीकी गुणवत्ता में भी तेजी से सुधार हो रहा है। अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम, मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म, और AI आधारित टार्गेटिंग सिस्टम्स दुनिया को और अस्थिर बना रहे हैं।