उत्तराखंड, रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। केदारनाथ धाम से तीर्थयात्रियों को लेकर लौट रहा एक हेलिकॉप्टर रविवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे में सात लोगों की मौत होने की पुष्टि की गई है। मृतकों में एक शिशु, एक मंदिर समिति कर्मचारी, पांच तीर्थयात्री और हेलिकॉप्टर पायलट शामिल हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह हेलिकॉप्टर आर्यन हेली एविएशन कंपनी का था, जो सुबह 05:30 बजे के करीब केदारनाथ से उड़ान भरकर गुप्तकाशी की ओर रवाना हुआ था। लेकिन रास्ते में गौरीकुंड से लगभग 5 किमी ऊपर स्थित “गौरी माई खर्क” नामक दुर्गम स्थान पर यह क्रैश हो गया।

मौसम बना हादसे की वजह
जिला पर्यटन विकास अधिकारी एवं हेली सेवा नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने मीडिया को बताया कि सुबह के समय एक हेलिकॉप्टर मिसिंग होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। प्राथमिक जांच में पता चला कि घाटी में मौसम अचानक खराब हो गया था और दृश्यता बहुत कम हो गई थी।
पायलट ने हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
मौके पर राहत-बचाव कार्य जारी
SDRF, NDRF, डीडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, और स्थानीय नागरिकों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। दुर्घटनास्थल दुर्गम व पैदल मार्ग पर होने के कारण रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने पुष्टि की कि यह स्थान एक 7 किलोमीटर लंबा ट्रैकिंग रूट है, जहां तक पहुंचना बेहद कठिन है। उन्होंने यह भी बताया कि हेलिकॉप्टर में सवार किसी भी व्यक्ति के जीवित होने की संभावना नहीं है।

दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर में कौन-कौन थे सवार?
अब तक की जानकारी के अनुसार, हेलिकॉप्टर में सवार लोगों में निम्नलिखित शामिल थे:
- पायलट चौहान
- एक मंदिर समिति कर्मचारी
- एक शिशु
- चार अन्य तीर्थयात्री
इन सभी के शवों की खोजबीन का कार्य जारी है।
सरकार ने जताया दुख, जांच के आदेश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी हादसे की तकनीकी जांच शुरू कर दी है।