नई दिल्ली: भारत ने 2025-26 के कार्यकाल के लिए एशियाई उत्पादकता संगठन (Asian Productivity Organization – APO) की औपचारिक अध्यक्षता संभाल ली है। यह जिम्मेदारी इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 20 से 22 मई 2025 तक आयोजित APO की गवर्निंग बॉडी की बैठक के दौरान सौंपी गई।
इस बैठक में भारत की ओर से उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।

क्षेत्रीय सहयोग और नवाचार पर भारत का विशेष जोर
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान भारत ने APO के मंच का उपयोग करते हुए डिजिटल परिवर्तन, पर्यावरण-अनुकूल समाधानों, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय सहयोग की महत्ता को रेखांकित किया।
भारत ने इस अवसर पर सुझाव दिया कि APO सदस्य देशों को स्थानीय नवाचारों को वैश्विक स्तर पर उभारने और हरित विकास के लक्ष्यों को साझा करने के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए।
भारतीय पेशेवरों की सक्रिय भागीदारी
हर वर्ष 100 से अधिक भारतीय पेशेवर APO के राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) के माध्यम से प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। ये कार्यक्रम भारत के औद्योगिक, सेवा, और कृषि क्षेत्रों में उत्पादकता वृद्धि और सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
APO की स्थापना और भूमिका
एशियाई उत्पादकता संगठन (APO) की स्थापना 1961 में की गई थी। इसका मुख्यालय टोक्यो, जापान में स्थित है। यह एक अंतरसरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता, नवाचार और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करना है।

APO की गवर्निंग बॉडी ही इसका सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जो प्रत्येक वर्ष बैठक आयोजित कर संगठन की रणनीतिक दिशा, नीतियों और प्रमुख प्रस्तावों पर निर्णय लेती है।
APO के सदस्य देश
वर्तमान में APO में 21 सदस्य देश शामिल हैं:
भारत, चीन, जापान, इंडोनेशिया, ईरान, दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, ताइवान, फिजी, लाओस, मलेशिया, मंगोलिया, नेपाल, फिलीपींस, सिंगापुर, श्रीलंका और तुर्किये।