नई दिल्ली: शनिवार शाम 5 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच 86 घंटे तक चले सीमित युद्ध के बाद सीजफायर समझौता लागू हुआ, लेकिन इससे ठीक तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन कर हालात को गंभीर बना दिया। इस घटनाक्रम के बाद शनिवार रात लगभग 11 बजे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कड़ा बयान
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा:
“पिछले कुछ घंटों में पाकिस्तान ने जिस प्रकार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है, वह घोर निंदनीय है। हमारी सेना पूरी तरह से सजग है और हर सीमा अतिक्रमण का जवाब दे रही है। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत शांति चाहता है, पर कमजोर नहीं है।”

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पर अकारण गोलाबारी और ड्रोन गतिविधियों के जरिये उकसावे की कार्रवाई की जा रही है। इस पर सेना को सख्त और ठोस कदम उठाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में फिर गोलाबारी, बारामूला में ड्रोन धमाका
सीजफायर उल्लंघन की सबसे गंभीर घटनाएं जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में दर्ज की गईं। शनिवार देर रात पाकिस्तान की ओर से पुंछ, राजौरी और सांबा जैसे इलाकों में भारी गोलीबारी और मोर्टार दागे गए, जिसमें कई नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
इसके साथ ही बारामूला जिले में एक संदिग्ध ड्रोन गतिविधि के बाद विस्फोट हुआ, जिसकी जांच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की फजीहत
भारत की ओर से इस उकसावे की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया गया। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों को इसकी जानकारी दी गई है। अमेरिका, रूस और इजरायल जैसे वैश्विक शक्तियों ने भी पाकिस्तान की आलोचना की है।
अमेरिका:
“सीजफायर उल्लंघन जैसी घटनाएं क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालती हैं। पाकिस्तान को जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए।”
रूस:
“हम भारत की क्षेत्रीय अखंडता के साथ हैं। समझौतों का उल्लंघन किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं।”
इजरायल:
“भारत की सुरक्षा को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं। आतंक और उकसावे की कार्रवाई पर सख्त रुख अपनाना जरूरी है।”

DGMO स्तर पर बनी थी सहमति
विदेश सचिव मिसरी ने जानकारी दी कि शनिवार दोपहर 3:35 बजे भारत और पाकिस्तान के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। इसमें सहमति बनी थी कि 5 बजे शाम से सीजफायर लागू किया जाएगा। निर्णय हुआ कि जल, थल और वायु मार्गों पर कोई हमला नहीं होगा और दोनों पक्ष संयम बरतेंगे।
इसके अतिरिक्त, 12 मई 2025 को दोनों देशों के अधिकारी अगली रणनीति और सीमा प्रबंधन को लेकर चर्चा करेंगे।