लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश को हरियाली से आच्छादित करने के लिए योगी सरकार ने एक बार फिर से बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार जुलाई के पहले सप्ताह में “वन महोत्सव” के अवसर पर 35 करोड़ पौधे लगाने का विशाल लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इस अभियान में सभी विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है, ताकि पर्यावरण संरक्षण को एक जनांदोलन का रूप दिया जा सके।

विभागवार लक्ष्य: हर विभाग निभाएगा अपनी भूमिका
सरकार ने पौधरोपण कार्य को विभागवार विभाजित किया है, ताकि लक्ष्य को व्यवस्थित तरीके से पूरा किया जा सके।
- वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग – 14 करोड़ पौधे
- ग्राम्य विकास विभाग – 12.59 करोड़ पौधे
- कृषि विभाग – 2.50 करोड़ पौधे
- उद्यान विभाग – 1.55 करोड़ पौधे
- पंचायती राज विभाग – 1.27 करोड़ पौधे
- राजस्व विभाग – 1.05 करोड़ पौधे
इसके अतिरिक्त अन्य विभागों को भी अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं।
हर जमीन पर होगी हरियाली: ग्रामीण और शहरी क्षेत्र दोनों होंगे शामिल
पौधरोपण अभियान सिर्फ सरकारी भूमि तक सीमित नहीं रहेगा। पौधे विभिन्न प्रकार की भूमि पर लगाए जाएंगे, जैसे कि:
- ग्राम पंचायत और सामुदायिक भूमि
- एक्सप्रेसवे और नहरों के किनारे
- मेडिकल व शैक्षणिक संस्थानों की भूमि
- रेलवे व रक्षा क्षेत्र की खाली ज़मीन
- विकास प्राधिकरण व औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि
- किसानों की निजी भूमि
सरकार का उद्देश्य है कि हर दिशा में हरियाली फैले और पर्यावरण को एक स्थायी संरक्षण मिले।
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर बड़े पैमाने पर पूर्वाभ्यास
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस को भी प्रदेशभर में वृहद स्तर पर पौधरोपण का पूर्वाभ्यास आयोजित किया जाएगा। इसके लिए जिलों, विभागों, ग्राम पंचायतों और नगर निकायों को तैयारियां पूरी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इससे पूर्व 2022 और 2023 में भी योगी सरकार ने क्रमशः 30 करोड़ और 35 करोड़ पौधे लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया था।

जनभागीदारी: अभियान की सफलता की कुंजी
सरकार इस अभियान को केवल प्रशासनिक नहीं, जनसहयोग आधारित आंदोलन के रूप में चलाना चाहती है। इसके लिए निम्नलिखित को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है:
- स्थानीय जनप्रतिनिधि
- सरकारी व गैर-सरकारी संगठन
- एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र
- युवक व महिला मंगल दल
- किसान उत्पादक संगठन (FPO)
- व्यापार मंडल व अन्य सामाजिक संगठन
सरकार का मानना है कि “जब आम लोग आगे आएंगे, तभी हर पौधा पनपेगा और भविष्य सुरक्षित होगा।”
हरित क्षेत्र में वृद्धि: सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं
भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट-2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 559.19 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र की वृद्धि दर्ज की गई है। यह न केवल सरकार की योजनाओं की सफलता का प्रमाण है, बल्कि प्रदेश की जनता की भागीदारी को भी दर्शाता है। अब योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक राज्य का हरित क्षेत्र राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंचे।