आगरा, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को आगरा पहुंचकर राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात की। यह मुलाकात हाल ही में करणी सेना द्वारा किए गए प्रदर्शन और सांसद के आवास पर हुए कथित हमले के बाद हुई। अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम को एक “राजनीतिक साजिश” बताया और बीजेपी सरकार पर तीखे आरोप लगाए।
हमला एक साजिश, कार्रवाई शून्य: अखिलेश यादव का आरोप
अखिलेश यादव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा,
“रामजीलाल सुमन के घर पर हुआ हमला कोई संयोग नहीं था, यह पूरी तरह से साजिश के तहत किया गया कृत्य था। अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी या ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।”
उन्होंने दावा किया कि उन्हें खुद जान से मारने की धमकी मिल रही है।
“मुझे धमकी दी गई है कि जैसे फूलन देवी को मारा गया, वैसे तुम्हें भी मारा जाएगा।”

पुलिस पर लापरवाही के आरोप
अखिलेश ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर भी सवाल उठाए।
“मेरे पार्टी के कार्यकर्ता जब थाने में शिकायत दर्ज कराने जाते हैं तो एफआईआर तक दर्ज नहीं की जाती। अगर लिख भी दी जाती है तो कोई कार्रवाई नहीं होती।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला “सरकार के समर्थन” से हुआ और खासकर दलित समाज को डराने की साजिश का हिस्सा है।
करणी सेना के प्रदर्शन पर तीखा हमला
अखिलेश यादव ने आगरा में 12 अप्रैल को हुए करणी सेना के विरोध प्रदर्शन को लेकर भी सरकार को घेरा।
“तलवारें, बंदूकें और डंडे लहराए गए। शांतिपूर्ण सम्मेलन की अनुमति ली गई थी लेकिन उसमें खुलेआम हिंसा हुई। बुलडोजर तक चलाया गया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।”
उन्होंने कहा कि
“इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। यह सिर्फ डर पैदा करने और जानलेवा हमले की तैयारी का हिस्सा था।”
‘कठपुतलियों’ को इस्तेमाल किया गया
धमकियों को लेकर पूछे गए एक सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा,
“जो मुझे गोली मारने की बात कर रहा है, वह गरीब, भोला और सीधा इंसान है। कई ऐसे लोग प्रदर्शन में शामिल हुए जिन्हें यह भी नहीं पता कि उन्हें कौन इस्तेमाल कर रहा है—लखनऊ वाले या दिल्ली वाले?”
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के बीच के कथित “राजनीतिक झगड़े” को भी हिंसा की वजह बताया।

‘आगरा से सामाजिक न्याय का संकल्प’
अखिलेश यादव ने आगरा को “सामाजिक न्याय” की लड़ाई की शुरुआत का केंद्र बताया।
“आगरा जैसी ऐतिहासिक जगह से संकल्प लेना समाजवादियों के लिए गर्व की बात है। हम यहां कोई राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन करने नहीं आए, हम अपने नेता से मिलने आए हैं।”
रामजीलाल सुमन ने जताया समर्थन, कहा – ‘2027 में देख लेंगे’
सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने अखिलेश यादव की इस मुलाकात को भावनात्मक और राजनीतिक समर्थन करार दिया। उन्होंने कहा,
“अखिलेश जी हमारे साथ खड़े हुए, इसके लिए धन्यवाद। 2027 आने दीजिए, हम देख लेंगे।”
घटना का पृष्ठभूमि: 21 मार्च की टिप्पणी और 12 अप्रैल का प्रदर्शन
गौरतलब है कि 21 मार्च को सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने एक कार्यक्रम में राणा सांगा को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। इसके विरोध में करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों ने 12 अप्रैल को आगरा में प्रदर्शन किया। इस दौरान तलवारें और डंडे लहराए गए तथा अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए गए।