नई दिल्ली: राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना विस्तृत संबोधन दिया। उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आजादी के बाद से देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी, वे सदा अमर रहेंगे। उन्होंने शहीदों के परिवारों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने बेटों को समर्पित किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय का कार्यक्षेत्र अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह देश की आंतरिक और सीमा सुरक्षा दोनों की जिम्मेदारी संभालता है। उन्होंने कहा कि कई बार राज्य सरकारों की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी भी राष्ट्रीय मुद्दों से जुड़ जाती है, जिनका समाधान केंद्र सरकार को करना पड़ता है।

सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर चर्चा
अमित शाह ने उरी और पुलवामा हमलों के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब चुप बैठने वाला देश नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। अब भारत अमेरिका और इजराइल की तरह अपनी सीमाओं और सेना की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने में सक्षम है।”
जम्मू-कश्मीर में बदलाव
गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वहां आतंकवादियों के जनाजे निकालने की परंपरा खत्म हो गई है और युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता छोड़कर विकास की दिशा में कदम बढ़ाया है। 2019 के बाद कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 40 हजार सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं और 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके अलावा 1.1 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
#WATCH | Replying to the discussion on the working of MHA, in Rajya Sabha, HM Amit Shah says, "In a way, the Home Ministry works under very difficult situation. The Constitution has given the responsibility of Law and Order to states. Border security and internal security come… pic.twitter.com/quwprx7bMa
— ANI (@ANI) March 21, 2025
वामपंथी उग्रवाद पर नियंत्रण
गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 12 रह गई है।

पूर्वोत्तर में शांति और विकास
पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाल करने के लिए किए गए 12 ऐतिहासिक समझौतों का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में 10 हजार से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में असम सहित पूरे पूर्वोत्तर में निवेश और विकास को प्रोत्साहन मिला है, जिससे दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच की भावनात्मक दूरी कम हुई है।
#WATCH | Replying to the discussion on the working of MHA, in Rajya Sabha, HM Amit Shah says, "…When Narendra Modi Government was elected to power in 2014, we received several legacy issues from prior to 2014. The security and development of this country were always challenged… pic.twitter.com/Spfp4kTqSJ
— ANI (@ANI) March 21, 2025
एक देश, एक संविधान का सपना साकार
गृह मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत में ‘एक देश, एक संविधान, एक ध्वज’ का सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा, “5 अगस्त 2019 को हमने ऐतिहासिक फैसला लेकर जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान के तहत पूर्ण रूप से एकीकृत किया।”