प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार-बुधवार देर रात संगम तट पर हुई भगदड़ में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए संगम नोज पर आम जनता की एंट्री पर रोक लगा दी है। साथ ही, सभी 13 अखाड़ों ने प्रशासन के आग्रह पर मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है।
हादसे के बाद अस्पतालों में मची अफरा-तफरी
स्वरूपरानी अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया गया है। मौके पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, अब तक 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मृतकों और घायलों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की है।
भगदड़ के पीछे अफवाह बनी वजह
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, संगम नोज पर अचानक मची भगदड़ की वजह एक अफवाह थी। इस दौरान कुछ महिलाएं गिर पड़ीं और भीड़ उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गई। स्थिति को संभालने के लिए 70 से अधिक एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
सुरक्षा के मद्देनजर कड़े कदम
हादसे के बाद प्रशासन ने प्रयागराज शहर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। शहर की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। संगम नोज पर NSG कमांडो ने सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने की मुख्यमंत्री से बात
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम समेत 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। मंगलवार को ही साढ़े 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे। इस विशाल आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के तहत 60,000 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है।
प्रशासन ने की सतर्कता बरतने की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।