प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में सोमवार, 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का भव्य आगाज हो गया है। त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में स्नान के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े हैं। आज सुबह 5 बजे से ही संगम पर डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालुओं की विशाल संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यह आयोजन अगले 48 दिनों तक चलेगा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ 2025 में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर लगभग 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालु अमृत स्नान कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करेंगे। इसके अतिरिक्त, लाखों श्रद्धालु महाकुंभ की प्राचीन परंपरा ‘कल्पवास’ का पालन करेंगे, जिसमें एक माह तक संगम तट पर रहकर तप, जप, ध्यान, पूजा और सत्संग किया जाता है।
कल्पवास: सनातन परंपरा का निर्वहन
कल्पवास की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होती है, जो इस वर्ष 13 जनवरी को है, और इसका समापन माघ पूर्णिमा, 12 फरवरी को होगा। मान्यताओं के अनुसार, कल्पवास के दौरान श्रद्धालु तीनों समय गंगा स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में लीन रहते हैं। महाकुंभ के इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान में इस बार लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने का अनुमान है।
कल्पवासियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने कल्पवासियों की सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। झूंसी से फाफामऊ तक 1.6 लाख टेंट लगाए गए हैं। प्रत्येक टेंट में बिजली और पानी के कनेक्शन के साथ शौचालय की व्यवस्था की गई है। लगभग 650 किलोमीटर अस्थायी सड़कों का निर्माण किया गया है, जिन पर चेकर्ड प्लेट्स बिछाई गई हैं। गंगा पर 30 पंटून पुल श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाएंगे।
स्नान घाटों पर बैरिकेडिंग और जल पुलिस की तैनाती की गई है ताकि स्नान के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाए जा रहे हैं, और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मेला क्षेत्र में अस्पतालों का प्रबंध किया गया है। तीर्थ पुरोहितों और प्रयागवालों को भी विशेष सुविधाएं दी गई हैं, ताकि वे श्रद्धालुओं के धार्मिक अनुष्ठानों में सहयोग कर सकें।
पहले स्नान में 50 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से एक दिन पहले ही, रविवार को लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। सूचना निदेशक शिशिर के अनुसार, शनिवार को संगम में 33 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। इस प्रकार, दो दिनों में कुल 85 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान का पुण्य अर्जित किया। साधु-संतों, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का अपार उत्साह संगम तट पर देखने को मिला।