महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, और भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को ऐतिहासिक जीत मिली है। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से महायुति को 235 सीटें हासिल हुई हैं। इनमें भाजपा को 132, शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 और एनसीपी (अजित पवार गुट) को 41 सीटें मिली हैं। महायुति की इस प्रचंड जीत ने राज्य की राजनीति में नया इतिहास रच दिया है।
वहीं, महाविकास अघाड़ी गठबंधन को करारा झटका लगा है। शरद पवार गुट की एनसीपी केवल 10 सीटें जीत पाई, कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना 20 सीटों तक ही सीमित रही।
चाचा-भतीजे की मुलाकात बनी चर्चा का विषय
चुनाव परिणामों के बाद, प्रचार के दौरान दिखी कड़वाहट भी अब दूर होती नजर आ रही है। सोमवार को महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री वसंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे अजित पवार और उनके भतीजे रोहित पवार के बीच गर्मजोशी से भरी मुलाकात चर्चा का विषय बन गई।
करजात-जमखेद सीट से विजयी रहे रोहित पवार ने शरद पवार गुट की ओर से चुनाव लड़ा और 10 विजयी विधायकों में से एक रहे। इस मौके पर चाचा अजित पवार ने रोहित की पीठ थपथपाते हुए चुटकी ली, “मैंने रैली नहीं की, इसलिए तू बच गया। अच्छा हुआ, मेरी रैली नहीं हुई, वरना तू हार जाता।”
Karad, Maharashtra: At a event, Rohit Pawar met Ajit and Sharad Pawar. Rohit touched Ajit Pawar's feet, and Ajit jokingly said, "If I had held my rally, you would have lost" pic.twitter.com/G5naHxKgsu
— IANS (@ians_india) November 25, 2024
रोहित ने चाचा की इस टिप्पणी पर हाथ जोड़कर जवाब दिया। अजित पवार ने पैरों की ओर इशारा किया तो रोहित ने मुस्कुराते हुए उनके पैर छू लिए। दोनों के बीच यह हंसी-मजाक भरा पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने इसे चाचा-भतीजे के रिश्ते की गर्मजोशी के रूप में देखा।
रोहित पवार ने दी प्रतिक्रिया
चाचा अजित पवार की टिप्पणी पर पूछे गए सवाल पर रोहित ने कहा, “चाचा मेरे लिए पिता के समान हैं। उन्होंने 2019 में मुझे जिताने में बहुत मदद की थी। इस बार वह बारामती सीट पर व्यस्त थे, इसलिए मेरी रैली में शामिल नहीं हो सके। उनकी जीत पर मैंने उन्हें बधाई दी है।”
चुनाव में महायुति का प्रदर्शन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार महायुति गठबंधन को बीते दशकों की सबसे बड़ी जीत मिली है। भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने मिलकर बहुमत से काफी अधिक सीटें हासिल कीं।
महायुति गठबंधन की सीटें
- भाजपा: 132 सीटें
- शिवसेना (शिंदे गुट): 57 सीटें
- एनसीपी (अजित पवार गुट): 41 सीटें
महाविकास अघाड़ी की सीटें
- एनसीपी (शरद पवार गुट): 10 सीटें
- कांग्रेस: 16 सीटें
- उद्धव ठाकरे की शिवसेना: 20 सीटें