जम्मू-कश्मीर: कश्मीर घाटी में गैर-स्थानीय श्रमिकों पर हो रहे हमलों की श्रृंखला में 23 वर्षीय उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी शुभम कुमार भी एक हमले का शिकार बने। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके के बटागुंड गांव में काम कर रहे कुमार पर आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में उनके हाथ में गोली लगी और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह हमला घाटी में बाहरी श्रमिकों पर हो रहे हमलों की ताजा कड़ी है, जो कश्मीर में सुरक्षा के हालात को चिंताजनक बनाता है।
गंभीर स्थिति: गंदेरबल और शोपियां में पहले हुए हमलों की याद ताजा
कुमार पर हुए इस हमले से पहले गंदेरबल और शोपियां में भी श्रमिकों पर हमले हुए थे, जिनसे घाटी में हिंसा का माहौल और गहरा गया। 20 अक्टूबर को गंदेरबल जिले में हुए निर्मम हमले ने इस दौर की शुरुआत की थी, जिसमें छह गैर-स्थानीय मज़दूरों और एक स्थानीय डॉक्टर को निर्दयता से मार डाला गया। इस घटना में हमलावरों ने अमेरिका निर्मित एम4 कार्बाइन और एके-47 से लैस होकर निर्माण स्थल पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। यह घटना 9 जून को रियासी जिले में हुए हमले के बाद से नागरिकों पर सबसे घातक मानी जा रही है।
इसके बाद 18 अक्टूबर को शोपियां में बिहार के अशोक कुमार चव्हाण की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह लक्षित हत्या घाटी में नई सरकार के गठन के बाद की पहली घटना थी, जिसने कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों को गंभीर चुनौती दी है।
गैर-स्थानीय श्रमिकों के बीच भय का माहौल
इन लगातार हो रहे हमलों ने कश्मीर में काम कर रहे गैर-स्थानीय श्रमिकों के मन में दहशत पैदा कर दी है। ये श्रमिक, जो राज्य में चल रही महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं में योगदान दे रहे हैं, अब अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। यह घटनाएं घाटी की नाजुक सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद के बढ़ते खतरों को उजागर करती हैं, जिससे गैर-स्थानीय श्रमिकों में एक असुरक्षित वातावरण बन रहा है।
सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर, सुरक्षा उपायों में तेजी
श्रृंखलाबद्ध हमलों के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी सतर्कता और बढ़ा दी है। प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और श्रमिकों के ठहराव स्थलों पर सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया गया है। प्रशासन इन घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है, ताकि कश्मीर में विकास कार्य बिना किसी रुकावट के जारी रह सकें। अधिकारियों ने गैर-स्थानीय श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा उपायों की समीक्षा की है और घाटी में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कश्मीर में शांति और स्थिरता की ओर संघर्ष
हालिया घटनाओं ने कश्मीर घाटी में शांति बनाए रखने की चुनौती को एक बार फिर रेखांकित किया है। हालांकि, आतंकवाद के खिलाफ स्थानीय और गैर-स्थानीय समुदाय एकजुट होकर शांति बहाली के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि कश्मीर में सभी श्रमिक सुरक्षित माहौल में काम कर सकें। घाटी में शांति और स्थिरता की स्थापना के लिए यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा