झुंझुनू, 20 अक्टूबर 2024: विधानसभा के लिए होने वाले उप चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही झुंझुनू में भारतीय जनता पार्टी के कुनबे में एक बार फिर बिखराव नजर आ रहा है। झुंझुनू से पार्टी ने राजेन्द्र भांबू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन पार्टी के इस निर्णय से 2023 में विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रहे निषित बबलू चौधरी के समर्थकों में आक्रोश है।
उप चुनाव में टिकट कटने के बाद आज झुंझुनू शहर के गांधीनगर स्थित बबलू चौधरी के निवास पर पूरे विधानसभा क्षेत्र से उनके समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे। दोपहर 1 बजे बबलू चौधरी के निवास पर आयोजित “मन की बात संवाद” कार्यक्रम में शामिल हुए समर्थकों ने टिकट पर पार्टी आलाकमान के निर्णय पर असहमति जताते हुए इसे गलत बताया। इस दौरान बबलू चौधरी ने कहा कि मैं घर बैठूं या फिर से चुनाव लड़ना है, यह फैसला अब जनता ही करे तो बेहतर होगा। समर्थकों का कहना था कि उनके लिए बबलू चौधरी ही आलाकमान है और वे हर हाल में बबलू के निर्णय का साथ देंगे।
चुनाव लड़ेंगे बबलू चौधरी, 23 अक्टूबर को जनसभा में होगा निर्णय
समर्थकों की मौजूदगी में बबलू चौधरी ने मीडिया को बताया कि मेरा निर्णय बन्द कमरों में नहीं होता है। बुधवार को जिला मुख्यालय के मोतीलाल स्टेडियम में एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा। जनसभा में समर्थकों ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो सुबह 11:15 बजे रैली के रूप में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल करूंगा।
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बीजेपी बागी को टिकट देने की परम्परा निभा रही है
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में झुंझुनूं सीट पर बगावत करने वालों को टिकट देने की परम्परा सी बन गई है। यही सिलसिला अब उपचुनाव में भी जारी रखा गया है। दरअसल 2018 में भाजपा ने झुंझुनूं से राजेन्द्र भांबू को टिकट दिया था। तब टिकट के दूसरे मजबूत दावेदार रहे बबलू चौधरी ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था। नतीजा पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बबलू चौधरी को टिकट दिया। इस चुनाव में राजेन्द्र भांबू ने अपनी पिछली हार का बदला लेते हुए पार्टी से बगावत कर दी और निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिससे इस चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
अब पार्टी ने उप चुनाव में एक बार फिर पिछले चुनाव में बागी होकर चुनाव लड़ने वाले भांबू को टिकट दिया है। हालांकि इसके पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि भांबू ने लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी का पूरा समर्थन किया था, इसलिए पार्टी ने उन विश्वास जताया है।
उपचुनाव के बाद विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं रखना चाहती। लेकिन टिकट की घोषणा के बाद बबलू चौधरी और उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है।