नई दिल्ली: पैरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय पैरा एथलीटों ने असाधारण प्रदर्शन करते हुए 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक के साथ कुल 29 पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इस उपलब्धि ने 2020 टोक्यो पैरालंपिक में बनाए गए 19 पदकों के अब तक के सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। इस सफलता के साथ भारत पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा, जो भारतीय खेल इतिहास के लिए गर्व का क्षण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय पैरा एथलीटों से मुलाकात की और उन्हें उनकी शानदार उपलब्धियों पर बधाई दी।
पीएम मोदी की एथलीटों से मुलाकात: नवदीप सिंह का खास पल
प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक कर सभी पैरा एथलीटों से मिलते हुए उन्हें शाबाशी दी और उनके अनुभवों को साझा किया। इस दौरान जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाले नवदीप सिंह के साथ एक अनोखा वाकया हुआ। नवदीप ने अपनी टोपी पीएम मोदी को भेंट करने की इच्छा जताई। पीएम मोदी ने नवदीप की इस भावना का सम्मान करते हुए जमीन पर बैठकर उन्हें टोपी पहनाने का अवसर दिया। पीएम मोदी ने नवदीप से हाथ मिलाते हुए कहा, “लग रहा है ना तुम बड़े हो।” इस मधुर पल ने हॉल में मौजूद सभी का दिल जीत लिया और तालियों की गूंज से पूरा वातावरण सराबोर हो गया।
प्रधानमंत्री ने इसके बाद नवदीप के बाएं हाथ पर अपना ऑटोग्राफ दिया, जिससे यह मुलाकात और भी खास हो गई। इस दृश्य ने देशभर के खेल प्रेमियों को अभिभूत कर दिया।
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अवनि लेखरा और कपिल परमार की भी हुई सराहना
महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 शूटिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता अवनि लेखरा, जिन्होंने पैरालंपिक में लगातार दूसरी बार विश्व रिकॉर्ड बनाकर खिताब जीता, ने प्रधानमंत्री को अपनी जर्सी भेंट की। जर्सी पर लिखा था, “आपके समर्थन के लिए धन्यवाद सर।” अवनि ने अपने प्रदर्शन से भारत का गौरव बढ़ाया और वह पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
इसके अलावा, पैरा जूडो में कांस्य पदक विजेता कपिल परमार ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की। कपिल ने पुरुषों की 61 किग्रा जे1 श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम ऊंचा किया। पीएम मोदी ने उनके पदक पर अपने साइन किए और उनके प्रयासों की जमकर सराहना की।
भारत के 84 पैरा-एथलीटों ने किया देश का प्रतिनिधित्व
पैरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की ओर से रिकॉर्ड 84 पैरा-एथलीटों ने 12 खेलों में भाग लिया। पैरिस 2024 के इन खेलों में भारत ने पैरा साइक्लिंग, पैरा रोइंग और ब्लाइंड जूडो जैसे नए खेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भारतीय दल का यह अब तक का सबसे बड़ा और विविधतापूर्ण दल रहा, जिसने कई नए कीर्तिमान स्थापित किए।
सुमित अंतिल और हरविंदर सिंह ने रचा इतिहास
भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने पुरुषों की एफ64 श्रेणी में 70.59 मीटर की थ्रो के साथ पैरालंपिक का नया रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। सुमित ने पैरालंपिक में अपना खिताब बरकरार रखते हुए अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तीन बार तोड़ा, जो टोक्यो 2020 में बनाया गया था। इस सफलता के साथ वह पैरालंपिक में अपना खिताब बचाने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने।
तीरंदाजी में, हरविंदर सिंह ने भी भारत के पहले पैरालंपिक तीरंदाजी चैंपियन के रूप में इतिहास रचा। उन्होंने अपने खेल के जरिए देश के लिए एक नया अध्याय लिखा और यह साबित कर दिया कि भारतीय पैरा एथलीट अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।