Paytm और SEBI के बीच विवाद: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, जो डिजिटल पेमेंट्स कंपनी Paytm की मूल कंपनी है, को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस का उद्देश्य Paytm और उसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा सहित उन बोर्ड सदस्यों से स्पष्टीकरण प्राप्त करना है, जो नवंबर 2021 में कंपनी के IPO के दौरान बोर्ड का हिस्सा थे। SEBI ने आरोप लगाया है कि Paytm ने तथ्यों को गलत रूप से प्रस्तुत किया है, जिसके चलते यह नोटिस जारी किया गया है।
SEBI के आरोप
SEBI के अनुसार, Paytm ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के दौरान और बाद में कुछ तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया। इसके अलावा, Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को जारी किए गए कर्मचारी स्टॉक विकल्पों (ESOPs) के संबंध में भी SEBI ने सवाल उठाए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के वार्षिक परिणामों के अनुसार, कंपनी ने 2021-22 में शर्मा को 2.1 करोड़ ESOPs जारी किए थे, जो SEBI की जांच के अधीन हैं।
Paytm की सफाई
इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए Paytm ने सभी आरोपों को खारिज किया है और मीडिया में फैली खबरों को निराधार बताया है। कंपनी ने शेयर बाजार को भेजे गए अपने बयान में स्पष्ट किया कि यह नोटिस कोई नया घटनाक्रम नहीं है, बल्कि SEBI के साथ चल रही पूर्व चर्चा का हिस्सा है। Paytm ने यह भी कहा कि उसने इस मामले में SEBI के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा है और आवश्यक प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया है।
कंपनी ने बताया कि उसने पहले ही 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही और पूरे वित्तीय वर्ष के साथ-साथ 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही के वित्तीय परिणामों में इस मुद्दे से संबंधित खुलासे कर दिए थे। Paytm ने 22 मई और 19 जुलाई को किए गए अपने खुलासों में यह भी बताया कि उसने इस संबंध में SEBI को अपना प्रारंभिक जवाब दाखिल कर दिया है और आगे की जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
Paytm का बयान
Paytm ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि कंपनी ने प्रासंगिक विनियमों का अनुपालन किया है और इस मुद्दे का 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के परिणामों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। Paytm के प्रबंधन का मानना है कि कंपनी का यह मामला मजबूत है और इसके खिलाफ उठाए गए सभी आरोपों का सामना किया जाएगा।