हरियाणा, 8 अगस्त 2024: पेरिस ओलंपिक में भारत की ओर से कुश्ती में पदक की उम्मीदें लेकर उतरी विनेश फोगाट एक बार फिर निराशा का सामना करती हुई नजर आईं। 50 किलो भारवर्ग के फाइनल मुकाबले से ठीक पहले वजन अधिक होने के कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने न केवल विनेश बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
मुख्यमंत्री का ऐलान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से विनेश फोगाट को एक सच्ची चैंपियन बताया। उन्होंने कहा कि विनेश हमेशा देश के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। सरकार ने विनेश को एक पदक विजेता के समान सम्मान देने का फैसला लिया है। हरियाणा सरकार जो सम्मान, पुरस्कार और सुविधाएं ओलंपिक रजत पदक विजेता को देती है, वही सब कुछ विनेश फोगाट को भी दिया जाएगा।
मंगलवार को सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में किया था प्रवेश
विनेश ने मंगलवार को सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। 7 अगस्त को उनका मुकाबला संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से होना था। लेकिन वजन अधिक होने के कारण यह मुकाबला नहीं हो सका।
भारत ने अब तक जीते तीन कांस्य पदक
पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक तीन कांस्य पदक जीते हैं और ये सभी निशानेबाजी से आए हैं। हालांकि, भारत के पास कई अन्य स्पर्धाओं में पदक जीतने की उम्मीदें थीं, लेकिन 10 मीटर एयर राइफल, 25 मीटर पिस्टल, स्कीट टीम, बैडमिंटन एकल और मिश्रित तीरंदाजी टीम स्पर्धाओं में चौथे स्थान पर रहने के बाद पदक जीतने में असफल रहा।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट को लेकर लोगों की सहानुभूति देखने को मिल रही है। लोग उनके साथ खड़े नजर आ रहे हैं और उन्हें इस मुश्किल समय में ढांढस बंधा रहे हैं। कई लोगों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
विशेषज्ञों की राय
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि विनेश फोगाट एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उन्हें इस तरह से बाहर होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वजन घटाने के दौरान अक्सर ऐसी छोटी-छोटी गलतियां हो जाती हैं, लेकिन इसका असर खिलाड़ी के पूरे करियर पर पड़ जाता है।
आगे का सफर
विनेश फोगाट ने इस घटना के बाद कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया है। हालांकि, उनके प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह एक बार फिर वापसी करेंगी।
निष्कर्ष:
विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक से बाहर होना भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि, सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित करने का फैसला एक सकारात्मक पहल है। यह दिखाता है कि सरकार खिलाड़ियों को कितना महत्व देती है।