नई दिल्ली, 18 जुलाई 2024: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को शनिवार दोपहर 12 बजे तक छात्रों के स्कोर आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि छात्रों की पहचान छिपाते हुए शहरों और सेंटर वाइज स्कोर पब्लिश किए जाएं। अब इस मामले में अगली निर्णायक सुनवाई 22 जुलाई को होगी, जिसमें तय किया जाएगा कि नीट-यूजी परीक्षा दोबारा कराई जानी चाहिए या नहीं।
परीक्षा से 5 महीने पहले बढ़ाया गया सिलेबस
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि परीक्षा से 5 महीने पहले NTA ने सिलेबस बढ़ाया, जिसे ही ग्रेस मार्क्स का आधार बनाया गया। इसके बाद गड़बड़ी छिपाने के लिए दोबारा परीक्षा कराई गई। CJI ने पूछा कि 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपने सेंटर बदले हैं, जिस पर NTA ने कहा कि फिलहाल सिस्टम से यह डेटा नहीं मिल सकता।
पेपर लीक हुआ: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी, इसलिए इसमें कोई शक नहीं है। अदालत ने कहा कि यह साफ है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसका दायरा कितना बड़ा है। 2 छात्रों की गड़बड़ियों की वजह से पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती। दोषियों की पहचान नहीं हुई तो दोबारा परीक्षा करानी होगी। अगर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए पेपर लीक हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैलता है।
NTA का हलफनामा
NTA ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि केवल पटना और गोधरा के कुछ सेंटरों में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी हुई है, जिससे पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित नहीं हुई है। पटना और गोधरा के छात्रों ने असामान्य तौर पर हाई स्कोर हासिल नहीं किया है। पेपर लीक का वायरल हुआ टेलीग्राम वीडियो भी फेक है। इस मामले में 153 केस दर्ज किए गए हैं।
पिछली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने नीट विवाद पर पहली सुनवाई 8 जुलाई को की थी। कोर्ट ने NTA, केंद्र सरकार, CBI और रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने के लिए कहा था। इसके लिए 10 जुलाई तक की डेडलाइन दी गई थी। इसके बाद नीट पर दूसरी सुनवाई 11 जुलाई को हुई थी और फिर मामले की सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी गई थी।
विवाद का सार
नीट-यूजी 2024 की परीक्षा 5 मई को हुई थी। परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोप लगने के बाद अलग-अलग जगहों पर छात्रों ने प्रदर्शन किए। परीक्षा में बहुत ज्यादा नंबर दिए जाने के आरोप लगे हैं। इस वर्ष रिकॉर्ड 67 छात्रों ने परफेक्ट स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल किया, जबकि पिछले साल मात्र दो छात्रों ने टॉप रैंक पाई थी। छात्रों का आरोप है कि कई छात्रों के मार्क्स योजनाबद्ध तरीके से घटाए और बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा 6 सेंटरों में परीक्षा कराने में देरी हुई, जिसके कारण छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, जो जांच के दायरे में हैं।
कहां लीक हुए पेपर?
नीट-यूजी में पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं। बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने पिछले महीने कहा था कि जांच से पता चला है कि 5 मई के एग्जाम से पहले करीब 35 छात्रों को नीट के पेपर और उत्तर मुहैया कराए गए थे। पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कहां दिए गए ग्रेस मार्क्स?
मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के कम से कम 6 एग्जाम सेंटरों में पेपर समय से नहीं बांटे गए थे, जिससे छात्रों को परीक्षा के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। समय की बर्बादी की भरपाई के लिए इन सेंटरों में छात्रों को कोर्ट के तैयार फॉर्मूले के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए।