ब्रिटेन: ब्रिटेन के हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों के परिणामों ने राजनीतिक पटल पर एक नया इतिहास रच दिया है। 5 जुलाई को घोषित किए गए नतीजों में लेबर पार्टी के किएर स्टार्मर ने हॉउस ऑफ कॉमन्स में 412 सीटों पर जीत दर्ज करके ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह एक ऐतिहासिक जीत है जिसने पिछले दस सालों से सत्ता में रही ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी शिकस्त दी है। कंजर्वेटिव पार्टी को इस चुनाव में केवल 119 सीटों पर जीत हासिल हुई।
भारतीय मूल के सांसदों की बड़ी भागीदारी
हालांकि भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन ब्रिटेन की नई सरकार में 26 भारतीय मूल के सांसदों ने अपनी जगह बनाई है। यह संख्या बताती है कि भारतीय समुदाय की राजनीतिक भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है।
किएर स्टार्मर: लेबर पार्टी की नई दिशा
किएर स्टार्मर ने 2020 में जर्मी कोर्बिन की जगह लेबर पार्टी का सदस्य बनकर पार्टी की नई दिशा तय की थी। इस बार के चुनाव में 28 भारतीय मूल के सांसदों ने जीत हासिल की है, जो सभी लेबर पार्टी से हैं। इनमें से 9 सांसद पहली बार चुनाव जीतकर सांसद बने हैं, जबकि दो सांसद तीसरी बार जीत कर आए हैं।
सिख समुदाय का अभूतपूर्व प्रतिनिधित्व
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के चुनावों में 12 सिख सांसदों को जीत मिली है। इनमें प्रीत कौर गिल और तनमनजीत सिंह दोनों ने लेबर पार्टी से चुनाव लड़कर तीसरी बार जीत दर्ज की है। ब्रिटेन अब कनाडा के बाद दूसरा देश बन गया है जहां सिख समुदाय के सांसदों की संख्या सबसे अधिक है।
कंजर्वेटिव पार्टी के भारतीय मूल के नेताओं की जीत
ऋषि सुनक ने यॉर्कशायर में अपने रिचमंड एंड नॉर्थहेलर्टन निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है। कंजर्वेटिव पार्टी के अन्य भारतीय मूल के नेताओं में सुएला ब्रेवरमैन, प्रीति पटेल, और सुनक के गोवा मूल के कैबिनेट सहयोगी क्लेयर कॉटिन्हो ने भी अपनी-अपनी सीटों से जीत हासिल की है। इसके अलावा, गगन मोहिंदरा को पश्चिम हर्टफोर्डशायर और शिवानी राजा को लीसेस्टर ईस्ट से जीत मिली है।