करौली: महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तों ने गाजर का जमकर इस्तेमाल किया। राजस्थान के करौली शहर की सब्जी मंडियों से लेकर सभी बाजारों में गाजर ही गाजर बिकते नजर आए। शिवरात्रि के मौके पर एक तरह से करौली के सभी बाजार गाजर के रंग में रंग गए।
700 क्विंटल गाजर की खपत
महाशिवरात्रि से एक दिन पहले ही करौली में 700 क्विंटल से ज्यादा गाजर की खपत हो चुकी थी। शाम को मंडियों में गाजर खत्म होने के बावजूद इसकी मांग कम नहीं पड़ी।
गाजर की आवक में भी इजाफा
महाशिवरात्रि के एक दिन पहले ही करौली सब्जी मंडी में गाजर की आवक 4 गुना हो गई। सामान्य दिनों में 50 क्विंटल तक गाजर की आवक मंडी में होती है, लेकिन महाशिवरात्रि को लेकर एक दिन पहले ही गाजर की यह मंडियों में चार से पांच गुना पहुंच गई।
गाजर के भाव में भी तेजी
महाशिवरात्रि के एक दिन पहले ही गाजर के भाव 4 से ₹5 तेज हो गए। पिछले दो-तीन दिनों पहले थोक में 12 से 13 रुपए किलो रहने वाले गाजर के भाव 16 से 17 रुपए पहुंच गए हैं। महाशिवरात्रि को लेकर फुटकर में गाजर के भाव 20 से ₹25 पहुंच गए हैं।
गाजर का महत्व
महाशिवरात्रि के अवसर पर गाजर की इतनी मांग होने का पहला कारण इसका धार्मिक महत्व और दूसरा महाशिवरात्रि के अवसर पर व्रत में इसका बनने वाला हलवा। शिवरात्रि वाले दिन अधिकांश घरों में गाजर का हलवा बनता है। यह महादेव को भोग लगाए जाने वाले मुख्य पकवानों की सूची में शामिल है। इसके अलावा शिवरात्रि के दिन लोग व्रत भी रखते हैं, गाजर का हलवा व्रतियों का प्रमुख भोजन होता है।