अमेरिका: लॉस एंजिल्स की एक अदालत ने भारत के एक हीरा कारोबारी को अपने चार भाइयों को 2000 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर देने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्हें दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित 17,000 अपार्टमेंट्स में हिस्सा भी देना होगा। यह फैसला 21 साल पुराने जमीन विवाद से जुड़ा है।
यह विवाद 2.5 अरब डॉलर (लगभग 18,000 करोड़ रुपये) की संपत्ति के बंटवारे को लेकर था। चार भाइयों ने आरोप लगाया था कि उनके बड़े भाई ने उनसे धोखाधड़ी की और उनकी हिस्सेदारी हड़प ली।
क्या है पूरा मामला
- 1980 के दशक में, 5 भाई (सहित 4 भाई जिनके पक्ष में फैसला आया है) ने लॉस एंजिल्स में रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया।
- 2003 में, 4 भाइयों ने आरोप लगाया कि उनके बड़े भाई ने उनसे धोखाधड़ी की और उनकी हिस्सेदारी हड़प ली।
- उन्होंने मुकदमा दायर किया और 2006 में, एक जूरी ने फैसला सुनाया कि बड़े भाई ने धोखाधड़ी की थी।
- 2023 में, Superior Court ने 4 भाइयों को 2000 करोड़ रुपये हर्जाने का भुगतान करने का आदेश दिया।
अदालत का फैसला
लॉस एंजिल्स सुपीरियर कोर्ट ने 18 अपीलों और 5 न्यायाधीशों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। अदालत ने मौखिक अनुबंध को लिखित अनुबंध के समान माना और कारोबारी को अपने भाइयों को 2000 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर देने का आदेश दिया। साथ ही, उन्हें 17,000 अपार्टमेंट्स में हिस्सा भी देना होगा।
अदालत ने माना कि हीरे के व्यापार और गुजराती समुदाय में मौखिक समझौते आम हैं। ब्लूमबर्ग के अनुसार, शशिकांत जोगानी के वकील ने कहा कि कानून यह कहता है कि कोई भी मौखिक अनुबंध कर सकता है, जो लिखित समझौतों के समान ही मूल्यवान है।
यह फैसला भारत और अमेरिका दोनों में ही चर्चा का विषय बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बड़े भाई इस फैसले को चुनौती देते हैं या नहीं।