चिड़ावा: क्षेत्र में बिजली उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर थोपे जाने के विरोध में किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को किसान सभा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपखंड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर स्मार्ट मीटर लगाने का काम नहीं रोका गया तो क्षेत्र में बड़ा जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष बजरंगलाल बराला के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को बिना किसी पूर्व सूचना के गुमराह किया जा रहा है। उपभोक्ताओं के पहले से चालू और सही चल रहे मीटर हटाकर उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं के अधिकारों और वित्तीय हितों के विरुद्ध है।
ज्ञापन में बताया गया कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिलों में पारदर्शिता की कमी देखी गई है और उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। किसानों ने इसे एकतरफा और गैर-जिम्मेदाराना कदम बताते हुए कहा कि यह आम जनता को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिना सहमति के स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए और पूर्व में लगाए गए स्मार्ट मीटरों को हटाया जाए।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में रामसिंह, एडवोकेट वीरप्रकाश झाझड़िया, शकील बामनवास, रंगलाल लमोरिया, बालकिशन कटेवा, सुभाष गोदारा और बजरंगलाल बराला शामिल रहे। इन सभी ने एक सुर में कहा कि यदि सरकार और प्रशासन ने किसानों और उपभोक्ताओं की बात नहीं सुनी, तो वे मजबूरन सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराएंगे।
किसानों का तर्क है कि जहां एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्मार्ट मीटर जैसी योजनाएं किसानों और आम नागरिकों पर आर्थिक बोझ बन रही हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और उपभोक्ताओं की राय लिए बिना किसी भी प्रकार के मीटर परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग की।