Wednesday, July 9, 2025
Homeदेशसीडीएस जनरल अनिल चौहान ने चेताया: भारत की सुरक्षा पर बाहरी-आंतरिक दबाव,...

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने चेताया: भारत की सुरक्षा पर बाहरी-आंतरिक दबाव, चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश गठजोड़ को बताया गंभीर खतरा

नई दिल्ली: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को एक थिंक टैंक कार्यक्रम में कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा इस समय बाहरी और आंतरिक दोनों मोर्चों पर गंभीर दबाव में है। उन्होंने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के संभावित रणनीतिक गठबंधन को भारत की स्थिरता और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया।

जनरल चौहान ने कहा कि वैश्विक स्तर पर संतुलन का युगांतकालीन दौर चल रहा है। पुराने वैश्विक ढांचे में बदलाव हो रहा है और एक नया शक्ति संतुलन बन रहा है। उन्होंने इस प्रक्रिया में अमेरिका की भूमिका को कई स्तरों पर जटिल और अस्थिर करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भारत को बहुआयामी सुरक्षा दृष्टिकोण अपनाना होगा।

सीडीएस ने राष्ट्रीय शक्ति की नींव को मजबूत अर्थव्यवस्था बताया और कहा कि आर्थिक सुरक्षा, व्यापारिक स्थायित्व और वित्तीय मजबूती को भी राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा मानना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाहरी खतरों से तब तक प्रभावी रूप से निपटा नहीं जा सकता, जब तक देश के भीतर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित न हो।

जनरल चौहान ने भारत की आंतरिक विविधताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश भाषाई, धार्मिक और जातीय दृष्टि से अत्यंत विविध है। ऐसे में सामाजिक समरसता बनाए रखना आंतरिक सुरक्षा का मुख्य आधार होना चाहिए। उन्होंने चेताया कि यदि भारत को भीतर से कमजोर किया गया, तो बाहरी शक्तियां और अधिक प्रभावी हो सकती हैं।

उन्होंने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के किसी भी संभावित गठजोड़ को सामरिक दृष्टि से गंभीर खतरा बताया। जनरल चौहान ने कहा कि अगर इन देशों के साझा हित भारत के खिलाफ समन्वित रणनीति में तब्दील होते हैं, तो यह भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा भारत में शरण लेने की स्थिति ने भारत की रणनीतिक चिंताओं को और गहरा कर दिया है।

उन्होंने मई 2025 में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए बताया कि यह पहला अवसर था जब भारत और पाकिस्तान जैसे दो परमाणु संपन्न देश सीधे सैन्य टकराव में उतरे। उन्होंने कहा कि भारत ने इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की परमाणु धमकियों को निरर्थक साबित कर दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश गया कि केवल परमाणु शस्त्रों के नाम पर किसी देश को डराया नहीं जा सकता।

सीडीएस ने बदलते युद्ध के स्वरूप पर भी बात की। उन्होंने बताया कि अब युद्ध केवल सीमा पर नहीं बल्कि साइबर स्पेस, ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक हथियार, मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियारों के जरिए भी लड़े जा रहे हैं। इन सभी क्षेत्रों में दुनिया के पास अभी कोई पूर्ण रक्षात्मक प्रणाली नहीं है। ऐसे में भारत को हर मोर्चे पर व्यापक तैयारी करनी होगी, ताकि भविष्य की चुनौतियों का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!