Saturday, February 22, 2025
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राजनीतिक मर्यादा की मिसाल: मोदी ने पवार के लिए कुर्सी पकड़ी, पानी भरा और हॉल तालियों से गूंज उठा

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जो इस प्रतिष्ठित अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार समेत कई महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियाँ उपस्थित थीं।

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पीएम मोदी का सम्मानजनक रवैया

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक खास अंदाज सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। चुनावी माहौल में पीएम मोदी विपक्षी नेताओं के प्रति अपनी आक्रामक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में उनका सम्मानजनक व्यवहार सबका दिल जीतने में सफल रहा। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के सीनियर नेता शरद पवार के लिए अपनी सीट पर बैठने से पहले उनकी कुर्सी ठीक की, जो एक बेमिसाल उदाहरण था।

पीएम मोदी ने शरद पवार के लिए पानी भी परोसा

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार की कुर्सियाँ पास-पास रखी गई थीं। जब शरद पवार अपनी कुर्सी पर बैठने के लिए पहुंचे, तो पीएम मोदी ने न केवल उनकी कुर्सी खींची, बल्कि एक गिलास में पानी भरकर शरद पवार की ओर बढ़ाया। पीएम मोदी के इस सादगीपूर्ण और सम्मानजनक व्यवहार ने उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया, और पूरे ऑडिटोरियम में तालियों की गूंज सुनाई दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

पीएम मोदी का भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन समारोह के दौरान अपने भाषण में मराठी भाषा और संस्कृति के प्रति अपने सम्मान और प्रेम का इज़हार किया। उन्होंने कहा, “आज दिल्ली की धरती पर मराठी भाषा का यह प्रतिष्ठित आयोजन हो रहा है। अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन सिर्फ एक भाषा या राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित है। 1878 में अपने पहले आयोजन से लेकर अब तक, यह सम्मेलन देश के स्वतंत्रता संग्राम का गवाह रहा है।”

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मराठी भाषा की महिमा पर पीएम मोदी का वक्तव्य

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है, और आप विद्वानों के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। मैंने मराठी भाषा में पारंगत होने का प्रयास किया है और कुछ समय पहले मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से मैं अत्यंत गर्वित हूं। यह कार्य पूरा करना मेरे जीवन का एक बड़ा सौभाग्य है।”

उन्होंने मराठी भाषी समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “भारत और दुनिया भर में 120 मिलियन से अधिक मराठी भाषी लोग हैं, और दशकों से वे इस मान्यता का इंतजार कर रहे थे। आज, मुझे यह कार्य पूरा करने का अवसर मिला है।”

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