Saturday, June 21, 2025
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीन गांवों के नाम बदलने की घोषणा

उज्जैन, मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन जिले के तीन गांवों के नाम बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि गजनीखेड़ी पंचायत का नाम अब चामुंडा माता गांव होगा। इसी तरह जहांगीरपुर का नाम बदलकर जगदीशपुर और मौलाना गांव का नाम विक्रम नगर किया जाएगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा, “मौलाना नाम बोलने और लिखने में उचित प्रतीत नहीं होता, इसलिए इसे बदलकर विक्रम नगर किया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि गांवों और कस्बों के नाम बदलते समय जनता की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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सीएम राइज स्कूल और उप स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण

बड़नगर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने ‘सीएम राइज स्कूल’ भवन और उप स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने बड़नगर में 3,500 करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक इकाई और फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिससे राज्य में तीन लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।”

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा स्कूल

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बड़नगर में निर्मित ‘सीएम राइज स्कूल’ का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा, “वाजपेयी जी इस स्कूल के छात्र रह चुके हैं, इसलिए यह उनके सम्मान में नामित किया जा रहा है।” इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित रहे। जोशी ने कहा, “मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ‘सीएम राइज स्कूल’ की अवधारणा के तहत उत्कृष्ट कार्य किया है। शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य का यह कदम सराहनीय है।”

40 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण

जोशी ने बताया कि बड़नगर में ‘सीएम राइज स्कूल’ का निर्माण 40 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। उन्होंने कहा, “भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।”

शिक्षा में सुधार और नई योजनाएं

उज्जैन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत ‘डेयरी टेक्नोलॉजी’ पर संगोष्ठी में भी भाग लिया। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि “नई नीति युवाओं के व्यावसायिक कौशल को विकसित कर उन्हें अधिक रोजगारोन्मुख बनाएगी।”

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